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C/o सर्व-सेवा-संघ, गांधीनगर, तिरुपुर, जि. कोइम्बतूर ।
(तामिळनाड)
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श्री महाशय,
पण्डित सुखलालजीकी विद्यासेवाके कारण कृतज्ञता प्रगट करनेके लिये उनका सन्मानका समारम्भ बम्बईमें किया जा रहा है, यह खुशीकी बात है । तटस्थ या निष्पक्ष बुद्धि विद्योपासनाकी गमक है। यह गुण पंडित सुखलाल जीमें परिपूर्णतया पाया जाता है । मैं आशा करता हूँ, उस महान गुणका स्पर्श हम सबको होगा।
विनोवाके प्रणाम
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