Book Title: Panchsangraha Part 07 Author(s): Chandrashi Mahattar, Devkumar Jain Shastri Publisher: Raghunath Jain Shodh Sansthan Jodhpur View full book textPage 5
________________ श्री चन्द्रर्षि महत्तर प्रणीत पंचसंग्रह (७) (संक्रम आदि करणत्रय-प्ररूपणा अधिकार) हिन्दी व्याख्याकार स्व० मरुधरकेसरी प्रवर्तक श्री मिश्रीमल जी महाराज दिशा निदेशक मरुधरारत्न प्रवर्तक मुनि श्री रूपचन्द जी म० 'रजत' - संयोजक-संप्रेरक मरुधराभूषण श्री सुकनमुनि | सम्पादक देवकुमार जैन 7 प्राप्तिस्थान श्री मरुधरकेसरी साहित्य प्रकाशन समिति पीपलिया बाजार, ब्यावर (राजस्थान) प्रथमावृत्ति वि० सं० २०४२ श्रावण; अगस्त १९८५ लागत से अल्पमुल्य १५/-पन्द्रह रुपया सिर्फ मुद्रण श्रीचन्द सुराना 'सरस' के निदेशन में शक्ति प्रिंटर्स, आगरा Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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