Book Title: Panch Sanyat Prakaranam
Author(s): Kunvarji Anandji
Publisher: Kunvarji Anandji
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पंचसंयतविवरण=== = = = = = = =ke ___ सामाइयसंजए णं भंते ! किं सरागे होज्जा वीयरागे होज्जा? गोयमा! सरागे होज्जा नो वीयरागे होज्जा, एवं सुहुमसंपरायसंजए, अहक्खायसंजए जहा नियंठे ३॥
सामाइयसंजमे णं भंते ! किं ठियकप्पे होजा अढियकप्पे होजा? गोयमा! ठियकप्पे वा होज्जा अट्ठियकप्पेवा होज्जा,छेदोवडावणियसंजए पुच्छा, गोयमा ! ठियकप्पे होजा नो अट्ठियकप्पे होज्जा, एवं परिहारविसुद्धियसंजएवि, सेसा जहा सामाइयसंजए। सामाइयसंजए णं भंते ! किं जिणकप्पे होज्जा थेरकप्पे वा होजा कप्पातीते वा होज्जा? गोयमा ! जिणकप्पे वा हो० जहा कसायकुसीले तहेव निरवसेसं, छेदोवट्ठावणिओ परिहारविसु. द्धिओ य जहा बउसो, सेसा जहा नियंठे ४ ॥ (सूत्रं ७८७)
सामाइयसंजए णं भंते! किं पुलाए होज्जा बउसे जाव सिणाए होज्जा ? गोयमा ! पुलाए वा होज्जा बउसे जाव कसायकुसीले वा होज्जा नो नियंठे होज्जा नो सिणाए होज्जा, एवं छेदोवट्ठावणिएवि, परिहारविसुद्धियसंजए णं भंते ! पुच्छा, *d=d=c=d===d[ ४१ ]==c=c===ce

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