Book Title: Panch Sanyat Prakaranam
Author(s): Kunvarji Anandji
Publisher: Kunvarji Anandji
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पंचसंयतविवरण= = = = = = = = = = धए वा एवं जहा बउसे, एवं जाव परिहारविसुद्धिए, सुहमसंपरागसंजए पुच्छा, गोयमा! आउयमोहणिज्जवजाओ छ कम्मप्पगडीओ बंधति, अहक्खाएसंजए जहा सिणाए २१॥
सामाइयसंजए णं भंते कति कम्मप्पगडीओ वेदेति ? गोयमा ! नियमं अट्ट कम्मप्पगडीओ वेदेति, एवं जाव सुहमसंपराए, अहक्खाए पुच्छा, गोयमा ! सत्तविहवेयए वा चउविहवेयए वा, सत्तविह वेदेमाणे मोहणिजवज्जाओ सत्त कम्मप्पगडीओ वेदेति, चत्तारि वेदेमाणे वेयणिज्जाउयनामगोयाओ चत्तारि कम्मप्पगडीओ वेदेति २२॥
सामाइयसंजएणं भंते ! कति कम्मप्पगडीओ उदीरेति ? गोयमा! सत्तविह जहा बउसो, एवं जाव परिहारविसुद्धीए, सुहुमसंपराए पुच्छा, गोयमा ! छव्विह उदीरए, वा पंचविह उदीरए वा, छ उदीरेमाणे आउयवेयणिज्जवज्जाओ छ कम्मप्पगडीओ उदीरेइ, पंच उदीरेमाणे आउयवेयणिज्जमोहणिज्जवज्जाओ पंच कम्मप्पगडीओ उदीरेइ, अहक्खायसंजए पुच्छा, गोयमा! पंचविह उदीरए वा दुविह उदीरए वा अणु
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