Book Title: Pahuda Doha
Author(s): Hiralal Jain
Publisher: Balatkaragana Jain Publication Society

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Page 136
________________ पाहुड-दोहा व्य-द्रव्य ७०. दुब्बाह - दुव्यांच, दुर्वासस् १५.. दह - दा १७५. दुसह-दुःसह १०२. दहविह- दशविध २०८. दूरि-दूरम् ५८. दसण - दर्शन १८, ६९, ७९, दे-दा ६ = ददाति ७७,१९. ११६, १२५, २१०, आदि; दिति-ददति २०० दावण - दामन् ४२, ११३. "विणु-दत्त्वा ११%"हि14, दाहिणिय - दक्षिणीय १८१. १३४, हु-देहि १७८. दिक्न्यु - पदय १९. ( देखो देख-दृश् हि-पक्ष्यसि १९७, शत) दिइन्यु-पश्य १९०; देखतदिज- दा (कर्मणि ८३. पश्यत् १९६ (हि.देखना) दिड-दृढ ८१. देव-- देव १,३९,५० आदि. दिणयर-दिनकर १. देवल-- देवालय ९४,१६१. दिण्ण- दत्त ८४. देवि--देवी ३. दिवहडा - दिवस + दा १७, देह -- (तत्सम) १८,३३ आदि. १०६,१६९. दोस - दोप ४७,९०. दिव्य-दिव्य ३२. दिह-दिशा १७५. दिति- ददति २०० (देखो दे.) दीवय- दीपया १. धण- धन ११. दीस - दृग् '.दृश्यते ३९,४", धम्म - धर्म २०,२९ आदि. १२२,१६,२१२. धम्मडा- धर्म + दा १४७. घर- रति ४,५; "रि-धारय दुधिय - सुटत १२,२०१. ६१; रि, सिंच "रेवि-कृत्वा दुश्व -अप,10,1७,५४. १४४,१५३,१७२, रेहदुन्गह- दुनि २०.. घाति ११८, "हि धारय दुन्जण-दुन १८. १३३,१९८ रत-यान् दुम्मा- दुनि १६८. दुनोद - दुमेधन ९८. धरिम - ६२.

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