Book Title: Pahuda Doha
Author(s): Hiralal Jain
Publisher: Balatkaragana Jain Publication Society
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शब्दकोश
हण - गंत-मत् ६५ णेवि-हत्वा
६६,१७२. हत्थ-हस्त ९४,११५,१५०
आदि. हत्थडा- हस्त+डा ८६. हत्थिय - हस्तिन् १५५, हयास- हताश १५२. हर-रोपिणु हत्वा २१५. हरिण-(तत्सम ) १४६. हारिस-हर्ष ४८. हल लि- सम्बोधनार्थक अव्यय
४१,४५,१२२,१३६,१३९. *हलोल- हिलोल २२०
(हि-हिलोर). हहिंडिय- हंहिण्डित (भ्रशार्थ)
१७९. हास-(तत्सम) १८६.
हि-(तत्सम) अव्यय १६७. हिमकरण-हिमकिरण (चन्द्र) १. हियअ- हृदय २,४,१४२. हियडा- हृदय + डा ५,५९,
७६ आदि, हु-इ-भूत्वा ४९; हुँति-भवन्ति
२१३. हुयवह- हुतवह १४९. हुववह- हुतवह १२०. ह- वइ-भवति १७६°व-भूत
१६२ ( देखो हु). हेड-हेतु २४,६०० हो-इ-भवति ४६, ५१ आदि.
उ-भवतु १३८, होतिभवन्ति ७०,२००; °सइ भविष्यति १६१, १७० °सहि-भविष्यन्ति ११९; 'हि-भवसि २९,मव ४३.

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