Book Title: Pahuda Doha
Author(s): Hiralal Jain
Publisher: Balatkaragana Jain Publication Society
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शब्दकोश
बोह--योध १६७. वोहि -- गोधि ८,२५,८१.
भभ-भय ३३, १०४. भग्ग- भग्न २१, १०४, १८५,
आदि. भग्ग- भञ् इ मनात ४७. भज-भ, जेसहि भक्ष्यन्ति ८३. भज- भञ्, मनजुः ४७. भडार-भधारक ६३. भण -( तत्सम) "इ-ति ४०,
४१ आदि; गति ४; "णिवि -मणित्वा १३९; हि भणसि
जंत-भज्यमान १४४ (देखो
भज, भन). भंतडी- भ्रान्ति १६९, १७५. भति- भ्रान्ति ११६, १२६ आदि. भाअ-भाव ५,१५ आदि, भाव-(तत्सम)११०. भाव-भावय् इति ३८; भाति
४८, १०४, १०५; "हिभावय २०९, विवि-भाव
यित्वा २११. भावडा- भाव+डा २५, ३६. भासिअ-भापित २०८, २०९. भिक्ख - भिक्षा १८६. भिच - मूल्य २८, भिण्ण-भिन्न १०७, १२०,
१२९. भिणिय- मिना १२७. भियमडा-(2) ऊंट का कोई
साज ११३. भिंतर- अभ्यन्तर १५४. *भुल्ल- प्रष्ट (भ्रान्त)१७ (हेम.
४, १७७; हि. भूला) भुवणयल-भुवनतल १०१,१३२. भुजंत - भुजमान ५. भूव - भून १०४. भेष-भद १, ३९, ५३ आदि. भेडिआ-काः१८७ (हि.भेडिया)
भम - श्रम् हि भ्रमसि १८,
'मर-भ्रमत् ५८, १६२, २१६, मंति-भ्रमन्ति २१५७ °मिय अमित १५६, मेइभ्रमति १६, २७९ आदि;
मेहि-धमसि ३६, १६३,
१८६. भल्ल - भद्र १४८, २०० (हि.
भला) भव - (दत्सम) ११२, २१०. भंज- (तत्सम ) जैविणु-भक्त्वा
१७४; 'जैसइ-भक्ष्यति ५५,

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