Book Title: Pahuda Doha
Author(s): Hiralal Jain
Publisher: Balatkaragana Jain Publication Society

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Page 140
________________ पुरयण 'जन १३. पुराइस - कृत ७७, १९. पुराण - ( तत्सम ) १२६. पुरिस - पुरुष ३१. पुढवि - पृथ्वी २१६. परिअ - पूरित १९५. पेस - प्रवेश, २७, १९३. पोलय - प्रेषित १००. पोख- पोपय् इति २२० पोल्या - पुस्तक. १४६. पाहुड - दोहा फ फन्ट - (तत्सम) ११५, ११९, आदि. फिट्ट - फिट् इफिट २ इ १४९ फिट्टिय - सिटि ११५,१७५, २१७. ww "फुक्क एक सिय्यन्तै १५१ (हिना) फुट्ट - सुट् हि स्कुला १५२. कुहु - स्फुटम् १३, १६८,२०८० फुरंत - र ६०. फुस सिवि १५० जयदा, मेन्वा (हेम. xvie५:१६) * फेइ-रिक नि११७ (20) Pee). च बद्ध - ( तत्सम ) १९०. वलन्द - बलीवर्द ४४. वहिरण्णथ कहर्शीयक ( वहिरात्मन् ) ८२. बहुअ - बहु + कृ २१,८७,९७, बहुत - बहु ८४. (हि-बहुत ) बहुयारथ वधकरक १४५. बहुल (म्) १२५, १९४. बंध ( तत्सम् ) "धिविचवा २०१; धिज्जइ-वध्यताम् २१६. - DO वंधण - बन्धन ६. वंभ - ब्रह्मन् ३३. वंमण - ब्राह्मण ३१. "यारह - द्वादश २११. ZTE - (REA) R. चाहिर - बहिः ४५,६१ आदि. वुज्झ - बुधु ० इयुध्यते ५५, बोधति १२७: उन्युय दाम् १०१ ०हु चोक्त ४० • वसंत-बोथन् १२६ः •वियुद्ध २२,४० माहि बुद्धि -- (म) १०३. ० कुछ युष ४२,८४. बूदन द + ३२. [

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