Book Title: Pahuda Doha
Author(s): Hiralal Jain
Publisher: Balatkaragana Jain Publication Society

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Page 142
________________ टीका) पाहुड-दोहा माय- भाग १५. मई- मया २०८:मनुनम १९९५ भोयण- भोजन २१५. महु-मम ९९, १८६ आदि; महु-महान् १८२. महंत-महन् ११, ९०. महापुरि-री ४८, १३४. म-मा ९, १७, १६, ३२, आदि. महिल-महिला, लाण-'नाम् . (हि.मत) १५६. म -मद १३८. महुयर- मधुकर ३५२. • मद- मति १०३. महर- मधुर २००. मइल-मलिन १९ (हि मैल) महेली- महिला, महेलिका ६४ मालम-मदिन के १६३. (महेला, हेन. १, १४६ मइलिय-नलिन ६.. मउलिय-मुकुलेन ११५. मैं-मा १३, १४३. मन्द-मध्य २३, १४१ आदि. मंजरि-(नसम) १५२. मज्मण- सध्याद १८२, मंडिय-मन्धित १२. मढ-म: १६.. मंत - मंत्र ६२,३०६. मण - मनस् , १४ आदि. मा-(नसम) १२,१३,४८. मण-मन् जिज-मन्यस्त्र २६. माण-मान १५६. मणम्भव-मनन् । उद्भत्र १०, माणिकडा-माशिया मत्या -मस्तक ७० (हि.माया। मर-मुनियो १४,५४. माणुस - नानुर ९३. मर -मरकन 1. मायाजाल - (तत्सम) १९. “मर-माद, ग १५६ "माह- लारम ९९ (हेम. ४, ४२२. उदाहरण) मरण- (सम)३६ सादि मि-पि (अपि, अनुस्वार के भरणयखय-क्षय ९८. पथात् ) १६,५५,१०३. मिच्छादिहि-मिच्चाट ४०. मसि-मी:०३. मित-मित्र३४४,शादि २१६.

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