Book Title: Padma Vardhaman Sanskrit Dhatu Shabda Rupavali Part 02
Author(s): Rajpadmasagar, Kalyanpadmasagar
Publisher: Padmasagarsuri Charitable Trust

View full book text
Previous | Next

Page 202
________________ बुध उभ बोधितुम्बोधित्वा | बोधत् बुध्यमान बुधित बुधितवत् / बोधितव्य बुबुध्वस् / बुबुधानभोत्स्यत् भोत्स्यमान जाणवू जाणवा माटे | जाणीने जाणतो जणातो जणायेलो जाणेलो ! जाणवा योग्य जागेलो जणायेला जाणशे भ्रम पर | भ्रमितुम् अगिता भ्रमत् भ्राम्यत् भ्रम्यमाण | भ्रान्त भ्रान्तवत् | भ्रम्य, भ्रमितव्य बभ्रन्वस् बभ्रमाण भ्रमिष्यत् | भ्रमिष्यमाण भम, / भारा भमवा माटे | |भमतो भमातो भमायेलो / भमेलो | भमवा योग्य भमेलो |भमायेलो भमशेभमाशे भ्राज आ | भ्राजितुम् भ्राजित्वा | भ्राजमान भ्राज्यमान भ्राजित भ्राजितवत् भ्राज्य, भ्राजितव्य भ्रेजान | भेजान भ्राजिष्यमाण | भ्राजिष्यमाण दीप, | | दीपवा माटे | दीपीने |दीपतो | दीपातो दीपायेलो दीपेलो दीपवा योग्य दीपेलो दीपायेलो / दीपशे दीपाशे भ्रास आ भ्रासितुम् भ्रासित्वा | भ्रासमान | भ्रास्यमान | भ्रासित भ्रासितवत् / भ्रास्य, भ्रासितव्य बभ्राजान | बभ्राजान भासिष्यमाण | भ्रासिष्यमाण शोभवू | शोभवा माटे |शोभीने शोभतो शोभातो शोभायेलो शोभेलो / शोभवा योग्य शोभेलो शोभायेलो शोभशे शोभाशे ग्लास आ | भ्लासितुम भ्लासित्वा भ्लासमान | भ्लास्यमान | भ्लासित भ्लासितवत् भ्लास्य भ्लासितव्य | भ्लेसान भ्लेसान भ्लासिष्यमाण भ्लासिष्यमाण दीपq | | दीपवा माटे | दीपीने | दीपतो दीपातो दीपायेलो / दीपेलो | दीपवायोग्य / दीपेलो दीपालो / दीपशे दीपाशे म्लै पर म्लातुम् म्लात्वा म्लायत् म्लायमान | म्लात म्लातवत् / म्लेय, म्लातव्य मम्लिवस मम्लान म्लास्यत म्लायिष्यमाण करमाई| | करमावामो |करमाइने | करमातो | करमावातो | करमावयेलो मरमायेलो ! करमावा योग्य करमेलो करनायेलो करमाशे करमावाशे लम्ब् आ | लम्बितुम् लम्बित्वा लम्बमान लम्ब्यमान लम्बित लम्बितवत् | लम्ब्य, लम्बितव्य | ललम्बान ललम्बान लम्बिष्यमाण| लम्बिष्यमाण लटकतुं लटकवा माटे लटकीने | लटकतो | लटकातो | लटकायेलो लटकेलो | लटकवा योग्य लटकेलो लटकायेलो लटकशे लटकाशे लष् उभ| लषितुम् लषित्वा | लषत् लष्यमाण लषित लषितवत् लाष्य, लषितव्य | लेषिवस् लेषाण लषिष्यत् लषिष्यमाण | अभिलाषा |अभिलाषा अभिलाषा | अभिलाषा | अभिलाषा अभिलाषा / अभिलाषा करवा | अभिलाष | अभिलाषा अभिलाषा | अभिलाषा करवी करवा माटे | करीने करतो करातो करायेलो करेलो | योग्य करेलो करायेलो करशे कराशे लिङ्ग पर | लिङ्गितुम् लिङ्गित्वा लिङ्गत् लिङ्ग्यमान | लिङ्गित लिङ्गितवत् लिङ्य, लिङ्गितव्य लिलिङ्ग्वस् लिलिङ्गान लिडिगष्यत् लिडिगष्यमाण अभिलाष

Loading...

Page Navigation
1 ... 200 201 202 203 204 205 206 207 208 209 210 211 212 213 214 215 216 217 218 219 220 221 222 223 224 225 226 227 228 229 230 231 232 233 234 235 236 237 238 239 240 241 242 243 244