Book Title: Padma Vardhaman Sanskrit Dhatu Shabda Rupavali Part 02
Author(s): Rajpadmasagar, Kalyanpadmasagar
Publisher: Padmasagarsuri Charitable Trust
View full book text ________________ पलायन पलायन पलायन अय् आ. अयितुम् | अयित्वा | पलायमान पलाय्यमान अयित अयितवत् | आय्य, अयितव्य अयाचक्राण| पलायाचक्राण पलायिष्यमाण पलायिष्यमाण पलायनथवा | पलायन | पलायन पलायन पलायन पलायन | पलायन पलायन पलायन थर्बु / | माटे थइने थतो थवातो / थवायेलो थएलो | थवा योग्य थएलो थवायलो थशे थवासे अर्ज पर. अर्जितुम् अर्जित्वा | अर्जत अय॑माण अर्जित अर्जितवत् | अW, अर्जितव्य |आनळस | आनर्जान अर्जिष्यत् अर्जिष्यमाण मिळवq | मेळववा माटे | मेळवीने | मेळवतो मेळवातो मेळवायेलो | मेळवेलो | मेळववा योग्य मेळवेलो मेळवाएलो |मेळवशे मेळवाशे अर्ह पर.| अर्हितुम् अर्हित्वा | अर्हत अर्यमाण अर्हित अर्हितवत् | अर्य, अर्हितव्य आनर्हवस् | आनर्हाण अर्हिष्यत् अर्हिष्यमाण योग्य | योग्य थवा योग्य | योग्य थतो योग्य थवातो| योग्य योग्य योग्य थवें जोइए | योग्य योग्य योग्य थशे योग्य थवाशे होवु / माटे थवायलो थाएलो थएलो थवायेलो आ+शंस आ. | आशंसितुम् आंशस्य आशंसमान आशंस्यमान आशंसित आशंसितवत् | आशंस्य, शंसितव्य | आशशंसान | आशशंसान आशंसिष्यमाण आशंसिष्यमाण इच्छवु | |इच्छवा माटे | इच्छिने | इच्छतो इच्छातो इच्छायेलो |इच्छेलो | इच्छवा योग्य इच्छेलो इच्छायेलो इच्छशे इच्छाशे इ पर. एतुम इत्वा / अयत् ईयमान इत इतवत् / एय, एतव्य ईयिवस् |ईयान एष्यत् एष्यमाण जq / जवा माटे जइने जतो जवातो जवाएलो गएलो जवा योग्य | गएलो जवाएलो जशे जवाशे आ. ईहितुम् ईहित्वा | ईहमान ईह्यमान ईहित ईहितवत् | ईय, ईहितव्य ईहाचक्राण ईहा चक्राण ईहिष्यमाण ईहिष्यमाण विचार, विचारवा माटे | विचारीने | विचारतो विचारातो विचाराएलो | विचारेलो | विचारवा योग्य विचारेलो | विचाराएलो विचारशे विचाराशे कृष् पर | क्रष्टुम् कष्टुम् | कृष्ट्वा | कर्षत् कृष्यमाण कृष्ट कृष्टवत् | कृष्य, क्रष्टव्य, कर्षणीय | चकृष्वस् |चकृषाण कीत् कर्यमाण खेंचवू | खेंचवा माटे | खेचीने | खेचतो खेंचातो |खेंचाएलो |खेंचेलो / खेंचवा योग्य खेंचाएलों खेंचशे खेंचाशे क्वथ् पर | क्वथितुम् क्वथित्वा क्वथत् क्वथ्यमान क्वथित क्वथितवत् | क्वाथ्य, क्वथितव्य चक्वथ्वस् | चक्वथान क्वथिष्यत् क्वथिष्यमाण उकळवू उकळवा माटे| उकळीने | उकळतो उकाळातो उकाळायेलो| उकळेलो | उकळवा योग्य उकळेलो | उकालायेलो |उकळशे उकाळाशे 4 खेंचेलो
Loading... Page Navigation 1 ... 198 199 200 201 202 203 204 205 206 207 208 209 210 211 212 213 214 215 216 217 218 219 220 221 222 223 224 225 226 227 228 229 230 231 232 233 234 235 236 237 238 239 240 241 242 243 244