Book Title: Padma Vardhaman Sanskrit Dhatu Shabda Rupavali Part 02
Author(s): Rajpadmasagar, Kalyanpadmasagar
Publisher: Padmasagarsuri Charitable Trust

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Page 216
________________ भणवा माटे इच्छे छे भणावे छे खाद | चिखादिषति खादयति खावा माटे इच्छे छे / खवरावे छे दह दिधक्षति दाहयति बळवा माटे इच्छे छे / बळावे छे अट् / अटिटिषति आटयति फरवा माटे इच्छे छे / फरावे छे अर्चिचिषति आर्चयति पूजा करवा माटे इच्छे छे | पूजा करावे छे चिचरिषति चारयति चरवा माटे इच्छे छे चरावे छे चल | चिचलिषति चालयति चालवा माटे इच्छे छे / चलावे छे जीव् | जिजीविषति जीवयति जीववा माटे इच्छे छे / जीवावे छे तित्यक्षति त्याजयति त्याग करवा माटे इच्छे छ| त्याग करावे छे 211| भणाव्यो वारंवार भणे छे वारंवार भणे छे अचीखदत् चाखाद्यते चाखादीति खवराव्यो वारंवार खाय छे वारंवार खाय छे अदीदहत् दादह्यते दादहीति बळाव्यो वारंवार बाळे छे वारंवार बाळे छे आटिटत् अटाट्यते अटाटीति फराव्यो वारंवार फरे छे वारंवार फरे छे आर्चिचत् पूजा करवा माटे प्रेरण करी अचीचरत् चंचूर्यते चंचूरीति चरवा माटे प्रेरणा करी | वारंवार चरे छ वारंवार चरे छे अचीचलत् चाचल्यते चाचलीति चलाव्यो वारंवार चाले छे वारंवार चाले छे अजीजिवत्/अजिजीवत् जेजीव्यते / जेजीवीति जीववा माटे प्रेरणा करी | वारंवार जीवे छे वारंवार जीवे छे अतित्यजत् तात्यज्यते तात्यजीति त्यजाव्यो वारंवार त्याग करे छे / वारंवार त्याग करे छे

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