Book Title: Nyayavatara Author(s): Manikyasagarsuri Publisher: Agmoddharak Granthmala View full book textPage 4
________________ प्रकाशकीय-निवेदन। प. पूज्य गच्छाधिपति आचार्य श्री माणिक्यसागरसूरीश्वरजी महाराज आदिठाणा वि. सं. २०१० ना वर्षे कपडवंज शहेरमां मीठाभाई गुलालचंदना उपाश्रये चतुमास बीराज्या हता। आ अवसरे विद्वान् बालदीक्षित मुनिराज श्री सूर्योदयसागरजी महाराजनी प्रेरणाथी आगमोद्धारक ग्रन्थमालानी स्थापना थएलो हती, श्रा ग्रन्थमालाए त्यार बाद प्रकाशनोनी ठीक ठीक प्रगति करी छे। . सूरीश्वरजीनी पुण्यकृपाए आ न्यायावतार' नामनु पुस्तक आगमोद्धारक ग्रन्थमाला ना २७ मा रत्न तरीके प्रगट करतां अमोने बहु हर्ष थाय छे। आनु' संशोधन प. पू. गच्छाधिपति आ. श्री माणिक्यसागरसूरिजीनी पवित्र दृष्टि नीचे शतावधानी मुनिराज श्रीलाभसागरजीए करेल छे ते बदल तेओश्रीनी तेमज जेओए आना प्रकाशनमां द्रव्य तथा प्रति श्रापवानी सहाय करी छे, ते बधा महानुभावोनो आभार मानीए छीए। प्रकाशकPage Navigation
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