Book Title: Nyayavatara Author(s): Manikyasagarsuri Publisher: Agmoddharak Granthmala View full book textPage 3
________________ १८७२ * आगमोद्धारक-प्रन्थमालायाः सप्तविंशं रत्नम् । & णमोत्थु णं समणस्स भगवओ महावीरस्स * * पू० आगमोद्धारक-आचार्यप्रवरश्री-आनन्दसागरसूरीश्वरेभ्यो नमः । ____आगमोद्धारक-आचार्य* श्रीअानन्दसागरसूरि-निर्मितदीपिकाविभूषितः * सत्ताकिकशिरोमणि-श्रीसिद्धसेनदिवाकरप्रणीतः NAMANENESMARREENKaskesladkakaSINISksekaskeekadlookedkaokaakaskesladkesleaked ॥न्यायावतारः॥ संपादकःप. पू. गच्छाधिपति-आचार्य-श्रीमन्माणिक्यसागरसूरिः प्रतयः ५००] वीर सं० २४६१ [ मूल्य २=०० आगमोद्धारक सं० १५ वि० सं० २०२१Page Navigation
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