Book Title: Namaskar Swadhyay Sanskrit Vibhag
Author(s): Dhurandharvijay, Jambuvijay, Tattvanandvijay
Publisher: Jain Sahitya Vikas Mandal

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Page 361
________________ [77-32] श्रीसिद्धसेनदिवाकरविरचितः शक्रस्तवः . ॐ नमोऽहते भगवते परमात्मने परमज्योतिष परमपरमेष्ठिने परमवेधसे परमयोगिने परमेश्वराय तमसःपरस्तात् सदोदितादित्यवर्णाय समूलोन्मूलितानादिसकलक्लेशाय // 1 // ॐ नमोऽहते भूर्भुवःस्वस्त्रयीनाथमौलिमन्दारमालार्चितक्रमाय सकलपुरुषार्थयोनिनिरवद्यविद्याप्रवर्तनैकवीराय नमःस्वस्तिस्वधास्वाहावषडथैकान्तशान्तमूर्तये भवद्भाविभूतभावावभासिने कालपाशनाशिने सत्वरजस्तमोगुणातीताय अनन्तगुणाय वाङ्मनोऽगोचरचरित्राय पवित्राय करणकारणाय तरणतारणाय साचिकदैवताय तात्विकजीविताय निर्ग्रन्थपरमब्रह्महृदयाय योगीन्द्रप्राणनाथाय त्रिभुवनभव्यकुलनित्योत्सवाय विज्ञानानन्दपरतीकात्म्यसात्म्यसमाधये 10 हरिहरहिरण्यगर्भादिदेवतापरिकलितस्वरूपाय सम्यश्रद्धेयाय सम्यग्ध्येयाय सम्यक्शरण्याय सुसमाहितसम्यक्स्पृहणीयाय // 2 // - ॐ नमोऽर्हते भगवते आदिकराय तीर्थकराय स्वयंसम्बुद्धाय पुरुषोत्तमाय पुरुषसिंहाय पुरुषवरपुण्डरीकाय पुरुषवरगन्धहस्तिने लोकोत्तमाय लोकनाथाय लोकहिताय लोकप्रदीपाय लोकप्रद्योतकारिणे अभयदाय दृष्टिदाय मुक्तिदाय मार्गदाय बोधिदाय जीवदाय शरणदाय धर्मदाय 15 धर्मदेशकाय धर्मनायकाय धर्मसारथये धर्मवरचातुरन्तचक्रवर्तिने व्यावृत्तच्छमने अप्रतिहतसम्यग्ज्ञानदर्शनसमने // 3 // ॐ नमोऽहते जिनाय जापकाय तीर्णाय तारकाय बुद्धाय बोधकाय मुक्ताय मोचकाय त्रिकालविदे पारङ्गताय कर्माष्टकनिषूदनाय अधीश्वराय शम्भवे जगत्प्रभवे स्वयम्भुवे जिनेश्वराय स्याद्वादवादिने सार्वाय सर्वज्ञाय सर्वदर्शिने सर्वतीर्थोपनिषदे सर्वपाषण्डमोचिने सर्वयज्ञफलात्मने 20 सर्वज्ञकलात्मने सर्वयोगरहस्याय केवलिने देवाधिदेवाय वीतरागाय // 4 // ॐ नमोऽर्हते परमात्मने परमासाय परमकारुणिकाय सुगताय तथागताय महाहंसाय हंसराजाय महासत्त्वाय महाशिवाय महाबोधाय महामैत्राय सुनिश्चिताय विगतद्वन्द्वाय गुणाब्धये लोकनाथाय जितमारबलाय // 5 // ॐ नमोऽर्हते सनातनाय उत्तमश्लोकाय मुकुन्दाय गोविन्दाय विष्णवे जिष्णवे अनन्ताय 25 अच्युताय श्रीपतये विश्वरूपाय हृषीकेशाय जगमाथाय भूर्भुवःस्वःसमुत्ताराय मानंजराय कालंजराय ध्रुवाय अजाय अजेयाय अजराय अचलाय अव्ययाय विभवे अचिन्त्याय असंख्येयाय आदिसंख्याय आदिकेशवाय आदिशिवाय महाब्रह्मणे परमशिवाय एकानेकानन्त //

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