________________ 326 नमस्कार स्वाध्याय [संस्कृत परिचय युगप्रधान तपागच्छीय श्रीसोमसुन्दरसूरिजीना शिष्य अने 'संतिकरं' स्तोत्रना कर्ता श्रीमुनि'सुन्दरसूरिजीनी 54 मी पाटे थयेला श्रीरत्नशेखरसूरि विरचित अने शेठ देवचंद लालभाई जैन पुस्तकोद्धार संस्थाथी वीर सं. 2466 मा प्रकाशित 'श्रीश्राद्धविधिप्रकरण' नामक ग्रन्थथी आ सन्दर्भ तारववामां 5 आवेल छे / आ ग्रन्थनी रचना वि. सं. 1506 मां थई छे एम तेओश्रीए मूलग्रन्थ उपर स्वोपज्ञ 6761 श्लोक प्रमाण 'श्राद्धविधि-कौमुदी' नामक वृत्तिनी प्रशस्तिमा स्पष्ट रीते जणाव्युं छे / गुजराती अनुवाद पं. मफतलाल झवेरचंद द्वारा संपादित 'श्राद्धविधिप्रकरण'माथी अल्प फेरफार साथे अहीं रजू करेल छे। ACCERHI LARKARKAURITUAL