Book Title: Mumbaima Bharayeli Biji Jain Shwetambar Conferenceno Report
Author(s): Jain Shwetambar Conference Office
Publisher: Jain Shwetambar Conference Office

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Page 17
________________ (१०) आ कॉन्फरन्स मेळववा माटे ते गाममां एक सुशोभित सामीयानुं उभं करवामां आव्यु हतुं. डेलीगेटोनी आगतास्वागता अजमेरवाळा शेठ हीराचंदजी सचेतीना प्रमुखपणा नीचे ठरावेली रीसेप्शन कमीटीए घणी सारी रीते करी हती. ___ सभानुं काम बपोरना ११ वागे शरू करवामां आव्युं हतुं. प्रारंभमां आमंत्रण संबंधी कह्या पछी रीसेप्शन कमी-ना प्रमुख साहेब तरफथी मी. गुलाबचंदजी ढहाए ते सभामा पधारेला गृहस्थोनो उपकार मान्यो हतो अने प्रसंगने अनुसरी एक घणुंज असरकारक भाषण कर्य हतं अने ते भाषण दरमीआन दरवर्षे कॉन्फरन्स मेळववानी आवश्यकता तेमणे स्पष्टपणे सिद्ध करी हती. आ भाषण समाप्त थया बाद आ कॉन्फरन्समां जुदां जुदां १८ स्थळोमांथी पधारेला सदगृहस्थोनी परस्पर ओळखाण कराववामां आवी हती. पछी कॉन्फरन्सना काम तरफ संपूर्ण दिलसोजी तथा मळतापणुं वतावनारा तथा कॉन्फरन्सना कामने दरेक रीते विजय मळो, एवी प्रार्थना करनारा जुदां जुदां २५ गामोतरफथी आवेला तारो तथा पत्रो रजु करवामां आव्या हता. __ आ पत्रो रजु थया वाद श्री भावनगर निवासी शेठ कुंवरजी आणंदजीनी दरखास्तने जोधपूर निवासी पटवा कानमलजीए टेको आपवाथी जोधपर निवासी मुताजी बख्तावरमलजीने कॉन्फरन्सना प्रमुख तरीके चुंटी कहाडवामां आव्या हता. सभासदोना हर्षनाद बच्चे प्रमुख साहेबे पोतानुं स्थान लीधा पछी तेओ साहेबे कॉन्फरन्स भरवानी आवश्यकता तथा तेना कर्तव्य बाबत एक लंबाण भाषण आप्युं हतुं. त्यार पछी आ प्रथम कॉन्फरन्समां शुं शुं विषयो लेवा तेनो निर्णय करवा मि. गुलाबचंदजी ढहानी दरखास्त अने मुंबईवाळा शेट दीपचंद माणेकचंदना टेकाथी २५ गृहस्थोनी सबजेक्ट्स कमीटी नीमवामां आवी हती; अने त्यार वाद रातना आठ वागे मळवानो निश्चय करी कॉन्फरन्सनुं ते वखतनुं काम समाप्त करवामां आव्यु हतुं. __मुख्य सभा बरखास्त थया पछी तेज स्थानके सबजेक्ट्स कमीटीनी सभा मळी हती अने आ प्रथम कॉन्फरन्समां चर्चवाना विषयोनो निर्णय करी सांजे पांच वागे ते सबजेक्ट्स कमीटीनी सभा बरखास्त करवामां आवी हती. तेज दिवसे रात्रे आठ वागे सघळा गृहस्थो मंडपमां पधार्या हता अने प्रमुख साहेबे पोतानी बेठक लीधा बाद सभानु काम शरू करवामां आव्युं हतुं. आ कॉन्फरन्सनी पहेली बेठकमां नीचे जणावेला त्रण ठरावो थया हता. ठराव १ लो-प्रारंभमां बिकानेरना शेठ पुनमचंदजी शावणमुखाए दरखास्त करी के "आ सभानुं नाम श्री जैन कॉन्फरन्स राखवू". आ दरखास्तने अमदावादना शा. मणीलाल छगनलाले टेको आप्यो अने ते सर्वानुमते पसार करवामां आवी हती. ठराव २ जो-जेपरना शेठ सुजानमलजी ललवाणीए दरखास्त करी के "कॉन्फरन्स वर्षमा एकवार अनकुळ पडते स्थळे मेळववी." आ दरखास्तने अमदावादना शेठ जैसींगभाई कालीदासे टेको आपतां ते सर्वानुमते पसार थई हती. ठराव ३ जो-अमदावादना शा. मोतीलाल कशळचंदे दरखास्त करी के “ आपणी जैन कोम केळवणीना संबंधमां बहु पठात छे तेथी ते ते बाबत आगळ वधी शके तेटला माटे Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

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