Book Title: Mantra Yantra aur Tantra
Author(s): Prarthanasagar
Publisher: Prarthanasagar Foundation

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Page 5
________________ मंत्र यंत्र और तंत्र मुनि प्रार्थना सागर 52 -: विषय सूची :आद्यमिताक्षर 18 कार्य सिद्धि के लिए आसन और मेरे विचार से वस्त्र का विधान णमोकार का चिंतन 39 माह के अनुसार मंत्र जपने का फल जरा सोचो विचार करो! वार के अनुसार जाप का फल मंत्र अधिकार तिथियों के अनुसार जाप का फल नक्षत्र अनुसार जाप का फल मंत्र विद्या मंत्र यंत्र तंत्र शक्ति का महात्म्य मंत्र साधक के लक्षण मंत्र तत्रं सिद्धि का मोक्ष मार्ग में निषेध गुरु के लक्षण परिस्थिति वश मंत्र प्रयोग की आज्ञा शिष्य के लक्षण किन्तु मंत्र द्वारा साधु का अजीवका मंत्र साधना के अयोग्य पुरुष करने का निषेध गुरु का महत्व माला विधान गुरु से ही मंत्र ग्रहण का विधान माला-निर्देश मंत्राराधना में दिशा बोध माला का फल पूजा हेतु दिशा बोध मंत्र जाप निषेध मंत्र जाप विधि क्रम दीपानादि प्रकार दिशा चार्ट बिना विचारे सिद्ध करने योग्य मंत्र जाप की परिभाषा गृहीत शत्रु मंत्र को त्याग करने की विधि जप के प्रकार दुष्ट मंत्र को जपने की विधि त्रियोग जाप फल मंत्र सिद्ध होगा या नहीं देखने की विधि 68 जाप स्थान का फल पुरुष का ऋणी धनी विचार जाप का फल कब नहीं मिलता कलियुग के सिद्धिप्रद मंत्र जाप करने का विधान मंत्र के अधिकारी द्विजवर्णों के योग्य मंत्र 69 ब्राह्मण और क्षत्रियों के योग्य मंत्र मंत्र साधना के निर्देश चारों वर्गों के योग्य मंत्र सकलीकरण किसे कहते हैं? वर्ण क्रम से बीजों के अधिकारी मंत्रों के पंचोपचार वर्णों के भेद दीपक में घी व तेल का प्रयोजन वर्ण-रंग व मण्डल की अपेक्षा बत्ती का महत्व तिथि-वार व गति की अपेक्षा कलश में वस्तुएं रखने का महत्व अक्षरों की शत्रु-मित्रता माला का महत्व मण्डलों की अपेक्षा चतुर्वर्णाक्षरों की अपेक्षा आसन विधान हवन विधि लिंग की अपेक्षा

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