Book Title: Mantra Sansar Saram
Author(s): Bhushan Shah
Publisher: Chandrodaya Charities
View full book text
________________
ૐ હ્રીં શ્રી શ્રી જીરાવલા પાર્શ્વનાથ રક્ષાં કુરુ કુરુ સ્વાહા.
__महोपाध्याय श्रीमद्भानुचन्द्रगणिविरचितम् ॥ सूर्यसहस्त्रनामस्तोत्र कल्प ॥
नमः श्री सूर्यदेवाय सहस्त्रनामधारणे । कारिणे सर्वसौख्यानां प्रतापाद्भुततेजसे ॥१॥ आदिदेव, आदित्य, आदितेजाः, आप, आचारतत्परः, आयुः, आयुष्मान्, आकार, आकाश, आलोककृत, आमुत्क, ॐकार, आरोग्य, आरोग्यकारण, आशुग, आतप, आतपी, आत्मा, आत्रेय, असह, असंगगामी, असुरांतक, उस्त्रपति, अहस्पति, अहिममान् (पा०अहि मान्), अहिमांशुभृतः-तिः, अहिमकरः, अहिमरुक्, अहिमरुचिः, अहिंसक, अहर्मणि, उदारका , अद्वितीय, उदीच्यवेश, अपांपतिः, अभयप्रद, अभिनंदितः, अभिष्टुतः, अब्जहस्तः, अब्जबान्धवः, अपराजित, अप्रमेय, अज, उच्चैः, अच्युत, अजय, अचल, अचिन्त्य, अचिन्त्यात्मा, अचर, अजित, अचिन्त्यवपुः, अव्यय, अव्यंगधारी, ऊर्जित, अयोनिज, ऐन्धन, एक, एकाकी, अकचक्ररथ, एकनाथ, ईश, ईश्वर, अक्लिष्टकर्मकृत्, उग्ररुप, अग्रि, अकिच्चन, अक्रोधन, अक्षर, अलार, अलत, (पा० अल त्) अमाय, अमेयात्मा, अमरप्रभु, अमरश्रेष्ठ, अमित, अमितात्मा, अणु, इन, अनाधन्त, अन्धकारापह, इन्द्र, अम्म, अम्भोजबन्धु, अम्बुद, अमबरभूषण, अनेक, अड्रारक, अभिरा, अनल, अनलप्रभ, अनिमित्तगति, अनड्र, अत्र, अनन्त, ॥२।। अनिर्देश्य, अनिर्देश्यवपुः,. अंशु, अंशुमान्, अंशुमाली, अनुत्तम, अरिहा ।१००। अरहन्, अरविंदाक्ष, अर्यमा, अर्क, अरिमर्दन, अरुणसारथि, अश्वत्थ, अशीतरश्मि, उष्णकर, अश्विन, अशिशिर, अतुलधुति, अतीन्द्र, अतीन्द्रिय, उत्तम, उत्तर, साधु, सावर्ण-र्णी, सावित्री, सविता, (पा० साविता), सायन, सौष्य(ख्य)सागर, साम, सामवेद, सारंगधन्वा, सहस्त्राक्ष, सहस्त्रांशु, सहस्त्रधामा, सहस्त्रकिरण, सहस्त्ररश्मि, सदायोगी, सदागति, सुधर्मा, सिद्धः, सिद्ध कार्य, सभाजित्, सुप्रभ, सुप्रदीपक, सुप्रभान्, सुप्रभाकर, सुप्रिय, सुपर्ण, सप्तार्चिः, सप्ताश्वः, सप्तजिह्न, सप्तलोकनमस्कृत, सप्तमीप्रिय, मन्त्रं संसार सारं...
૧૫૩
Jain Education International
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org
![](https://s3.us-east-2.wasabisys.com/jainqq-hq/acb0d2af2e960a352975079eeb35c3b4bcd83d65bf77d0b6e47eae9d59b24b20.jpg)
Page Navigation
1 ... 153 154 155 156 157 158 159 160 161 162 163 164 165 166 167 168 169 170 171 172 173 174 175 176 177 178 179 180 181 182 183 184 185 186 187 188 189 190 191 192 193 194 195 196 197 198 199 200 201 202 203 204 205 206 207 208 209 210 211 212