Book Title: Mantra Sansar Saram
Author(s): Bhushan Shah
Publisher: Chandrodaya Charities

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Page 207
________________ ऐं - वाग्भव बीजं लं- काम बीजं झीं-शक्ति बीजं हं सः - विषापहार बीजं श्री- पृथ्वी बीजं स्वा-वायु बीजं बीजाक्षरों का वर्णन ॐ, प्रणव, ध्रुवं, ब्रह्मबीजं, तेजोबीजं j-विद्वेषण बीजं इव - अमृत बीजं क्ष्वीं-भोग बीजं हा आकाश बीजं हां- माया बीजं झ - अंकुश जं- पाश बीजं फट्-1 - विसर्जन बीजम् चालनं बीजम् वौषट् - पूजाग्रहणं आकर्षण बीजम् संवौषट् आमंत्रणं बीजम् ब्लू- द्रावणं क्लूं - आकर्षण ग्लो-स्तंभनं - महाशक्ति वषट्-आह्वाननम् रं-जलनम् क्ष्वीं विषापहारबीजम् उ-चन्द्र बीजम् धे धै ग्रहण बीजम् वै विधों विद्वशेषणं बीजं - ट्रीं क्लीं ब्लूं स वा पंच वाणीद्र - - ऋद्धि सिद्धि बीजं ह्रौं - सर्व शांति बीजम् ह्रीं सर्व शांति बीजम् स्वाहा- शांतिकं मोहकं वास्वधा - पौष्टिकं नम-शोधन बीजं हं- गगन बीजं हूँ - ज्ञान बीजं य-विसर्जन बीजं उच्चारणं बीजं पं वायु मन्त्र संसार सारं... Jain Education International हूँ-सर्व शांति बीजम् हाँ - सर्व शांति बीजम् हः- सर्व शांति बीजम् हे दंड बीजम् ख स्वादन बीजम् झ महाशक्ति बीजम् हल्यू- पिंड बीजम् हैं - मंगल सुख बीजम् श्री - कीर्तिबीजम् वा कल्याणबीजम् क्लीं- धनबीजम् कुबेरबीजम् तीर्थंकर नामाक्षर - शांति, मांगल्य कल्याण व विघ्नविनाशक बीजम् अ- आकाश या धान्य बीजम् आ-सुख बीजम् तेजो बीजम् ई- गुण बीजम् तेजो बीजम् वा उ-वाय बीजम् क्षां क्षीं क्षं क्षं क्ष क्ष क्ष क्ष क्ष रोष बीजम् रक्षा, सर्वकल्याण अथवा सर्व शुद्धि बीज तं - थं दं कालुष्य नाशक, मंगल वर्धकं, सुख कारकं मंगल वं- द्रवण बीजम् मं-मंगल बीजम् संशोधन बीजम् - रक्षा बीजम् झं-शक्ति बीजम् For Personal & Private Use Only ૨૦૫ www.jainelibrary.org

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