Book Title: Mangal Mantra Namokar Ek Anuchintan Author(s): Nemichandra Jain Publisher: Bharatiya Gyanpith View full book textPage 7
________________ मंगलमन्त्र णमोकार . एक अनुचिन्तन ण् + अं+ ण् + अ + म् + ओ + ल् + ओ + ए + स् + अ + व् + + अ+स् + आ + ह + ऊ + ए + अं। इस विश्लेषणमे-से स्वरोको पृथक् किया तो - अ+ ओ + अ + इ + अ + आ + अ + अ +ओ+ इ + अ+अ+म + ओ+मा+ + +म+अ+अ+ ओ+ उ +अ+ आ+आ+ अ+अ+ ओ+ ओ+ए+अ+अ+ आ+ऊ+ अ । - पुनरुक्त स्वरोको निकाल देनेके पश्चात् रेखाकित स्वरोको ग्रहण किया तो - अ आ इ ई उ ऊ [२] ऋ ऋ [ल ] ल ल ए ऐ ओ औ अ अ । व्यजन - म् + म् + र् + ह् + त् + ए + ण् + म् + स् + इ +ध् + ण + रण+म् + य + ण् + ण् + म्+व् + ज् + अ + य् +ए+ + ण+म् + ल् + स् + + + स्+ह + ण् । । पुनरुक्त व्यजनोके निकाल देनेके पश्चात् - ण+म् + + ह + + स् + य+र+ल+व+ज+घ+ ह । ध्वनिसिद्धान्तके आधारपर वर्गाक्षर वर्गका प्रतिनिधित्व करता है। अत घ् = कवर्ग, झ् = चवर्ण, ण् = टवर्ग, -तवर्ग, म् = पवग, य र लव, स् = श प स, ह । मत इस महामन्त्रकी समस्त मातृका ध्वनियाँ निम्न प्रकार हुई . म मा इ ई उ ऊ ऋ ऋ ल ल ए ऐ ओ औ अं अः क ख ग घ् इच छ ज झ न द ड् ढ् ण् त् थ् द् ध न प फ ब भ म य र ल व श् प स ह ।Page Navigation
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