Book Title: Mangal Mandir Kholo
Author(s): Devratnasagar
Publisher: Shrutgyan Prasaran Nidhi Trust

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Page 5
________________ KeenarsexiSOGDIOSex मार्गानुसारी... याने? जैन धर्म में आध्यात्मिक उन्नत्ति की १४ सीढ़ीयाँ है ... अंतिम लक्ष्य तो मोक्ष ही है लेकिन प्रथम कदम मार्गानुसारी का जीवन है मोक्ष के मार्ग पर चलने के लिए तत्पर है वह मार्गानुसारी .... सम्यक्दर्शन एवं साधु जीवन उसके पूर्व की अवस्था मार्गानुसारी है मार्गानुसारी याने सच्चा गृहस्थ सुपात्र व्यक्ति ... सज्जन श्रावक ३५ गुणों मार्गानुसारी के है उसमें से बारह गुणों का यह विवेचन है ... आँख पवित्र बने .... हाथ नीति युक्त बने और अंत:करण मलिनता से मुक्त हो .... यही भावना ...... Receiv SO9009

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