Book Title: Mangal Mandir Kholo
Author(s): Devratnasagar
Publisher: Shrutgyan Prasaran Nidhi Trust

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Page 4
________________ COCOONannar || श्री आर्यरक्षित-जयसिंह-कल्याण-गौतम-गुण- गुणोदय-कलाप्रभ महोदय गुरुभ्यो नमः।। उपकार आपका, ऋण स्वीकारन आजका जिनका स्मरण मेरा प्रथम मांगलिक है .... जिनकी दिव्यकृपा मेरा आश्वासन है ... जिनकी कृपा ही मेरी शक्ति है ... ऐसे स्वनामधन्य, अचल गच्छाधिपति पू.आ. भ. श्री गुणसागरसूरीश्वरजी महाराजा जिनकी आज्ञा से संयम सुरक्षित रहा है, 45-45 सालों से लगातार वर्षीतप की आराधना कर रहे है, ऐसे तपस्वी सम्राट अचलगच्छाधिपति पू.आ. श्री गुणोदयसागरसूरीश्वरजी महाराजा जिन्होंने सदा समय एवं समझ की पूंजी प्रदान की है, और उत्साह बढाया है ऐसे सूरिमंत्राराधक, संघ वत्सल, पू.आ. श्री कलाप्रभसूरीश्वरजी महाराजा महाव्रतों की रक्षा के प्रेरक बने, प्रज्ञाबल एवं परिणतिबल की वृद्धि करायी है ऐसे गुरुदेव आगमभ्यासी पं श्री महोदयसागरजी म.सा. सदा देते है साथ, रहते है संगाथ, कर रहे है भक्ति का प्रयास ऐसे शिष्यरत्न मुनि श्री तीर्थरत्नसागरजी म.सा. (8वाँ वर्षीतप) मुनि श्री देवरक्षितसागरजी म.सा. (59 वीं ओली) मुनि श्री तत्वरक्षिसागरजी म.सा. (45 वीं ओली) मुनि श्री मेघरक्षितसागजी म.सा. (23 वीं ओली) मुनि श्री चैत्यरक्षितसागरजी म.सा. (19 वीं ओली) आप सभी के उपकारों से मुक्त बनने का प्रमाणिक पुरुषार्थ होता रहे यही कामना .... - मुनि देवरत्नसागर

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