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* महावीर जीवन प्रभा *
सम्बंध नहीं है। फिर भी क्योंकर ऐसा माना जाता है. भारत में दीपावली पर्व अमावस्या को ही मनाया जाता है . यदि चौदस को पर्व हो तो अमावस्या की घड़ियाँ होने पर ही अतः यह अमुमन ठीक प्रतीत होता है कि भगवन्त का विर्वाण अमावश्या को ही हुवा था.
(मुनियों का मोक्ष) भगवान् महावीर के हस्त-दीक्षित ७०० साधु महात्मा और १४०० साध्वियाँ मोक्ष पधारी और ८०० साधु एकावतारी हुवे जो अनुत्तर विमान की स्थिति पूरी कर मोक्ष पधारेंगे- शासन के समस्त साधु-साधियों में से तो अनेक मुक्ति पद को प्राप्त हुवे, जिन की संख्या का उल्लेख नहीं किया गया है.
प्रकाश-जो कठिनतर तपस्या करते हैं, परम त्याग मार्ग को वहन करते हैं, परम उदासीनता धारण करते हैं, उन्ही को मोक्ष होता है, खाउ-पचाउ और मोज-शोख मारने वाले प्रपंची मोक्ष के अधिकारी नहीं हो सकते. आप भी मुनियों के कदम-बकदम (Step by step) चल कर अपना निस्तरण करिये.
दिगम्बर धर्म स्त्रीमुक्ति नहीं मानते, उनका कहना है मुक्ति के योग्य स्त्री बन ही नहीं सकती। इसमें अनेक पराShree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com