Book Title: Mahadani Bhamashah
Author(s): Prem Kishor Patakha
Publisher: Acharya Dharmshrut Granthmala

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Page 4
________________ जैन चित्रकथा भामाशाह, सिरोही के राव सुरतान से मिलने के बाद अगले दिन जालोर के सुलतान ताज खाँ के यहां शाही मेहमान बने. allin उन्हें सम्मान के साथ यहां लाया जाय | दरबारी ने झुककर सलाम किया हम दोनों ही तन, मन, धन से आपके साथ हैं। idi आपको अपने बीच में पाकर सचमुच हमारी धरती धन्य हो गई। ANT I - del यह आपका बड़प्पन हैं, आप जैसे बहादुर साथियों की जिम्मेदारी अपने के कारण ही स्वतंत्रता की रक्षा कन्धों पर ली है। सिरोही के सुरतान आपसे मिलना चाहते हैं। मैं आपके पुनः दर्शनों से धन्य हो गया। मुझे भामाशाहू के आगमन की सूचना मिल चुकी थी। CIET

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