Book Title: Mahadani Bhamashah
Author(s): Prem Kishor Patakha
Publisher: Acharya Dharmshrut Granthmala

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Page 18
________________ जैन चित्रकथा नहीं शाहजी, मेरी एसी औकात कहाँ, अच्छा अब चलता हूँ,प्रणाम! राणाके पासतो मुझे भी चलना है मगर पहले जरा लक्ष्मीमाता की पूजा करलू। N । APOOOOOOOOZ हे लक्ष्मीमाता, मुझ पर अपनी कृपादृष्टि सदैव ही बनाये रखना, जिसपुर तेरी कृपा रहती है वहचनकुबेर हो जाता है तू मुझे अपार धन प्रदान कर ताकि मैं उसका उपयोग राष्ट्रहित में कर सकू - ण्य HTTARATHI C. 16

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