Book Title: Mahadani Bhamashah
Author(s): Prem Kishor Patakha
Publisher: Acharya Dharmshrut Granthmala

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Page 25
________________ महादानीभामाशाह राणाजी, देव मन्दिर से बड़ा होता है राष्ट्रमन्दिर का निमणि, राष्ट्रमन्दिरहीयदि कमजोर रहातो देव मन्दिर की रक्षा कौन करेगा। शाहजी,आप धन्य हो,धन्य हो आपका जैनधर्म मेवाड़ आपका सदा ऋणी रहेगा। 0000000s शाह जी, आपने प्रताप को टूटने से बचा लिया यह मेरा कर्तव्य है,यदि इसके बाद भी धन की आवश्यकता हुई तो मेरे पास गुप्त खजानों के नक्शे हैं हम उन्हें भी ढूंढ निकालेंगे।

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