Book Title: Mahadani Bhamashah
Author(s): Prem Kishor Patakha
Publisher: Acharya Dharmshrut Granthmala

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Page 24
________________ मेवाड़ का कोषाध्यक्ष मैं हूँ मुझे इसकी चिन्ता करनी है राणा को नहीं फिलहाल तो आपकी सेवा में मेरे शाही खजाने के कुछ बक्से और आभूषणों भरी ये थैलियां हाजिर हैं अब मैं यह शाही पुरस्कार राणा क समर्पित करता जैन चित्रकथा हो सकता ★ यह धन तो आपके पूर्वजों को पुरस्कार में मिला हैं। युद्ध के लिए नए अस्त्रशस्त्र चाहिए, सैनिकों के लिए भोजनादि की व्यवस्था करनी है इसके लिए इतना धन कहां से आएगा राष्ट्रनायक के चरणों में रखता हूँ, आप इन्कार न करें, भामाशाह को अपना कर्त्तव्य पूरा करने दीजिए, आने वाला कल यह कहकर कलंकित न हो जाए कि राणा को संधि इसलिए करनी पड़ी थी कि उनका राजकोष खाली हो गया था और आबू के निकट देलवाड़ा में जो विशाल मन्दिर बनवाने की योजना है, यह धन तो उसके लिए है। 22 Vanit

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