Book Title: Mahadani Bhamashah
Author(s): Prem Kishor Patakha
Publisher: Acharya Dharmshrut Granthmala

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Page 14
________________ जैन चित्रकथा हमने अपना मोर्चा तैयार कर लिया हैं। तुम भाभीकोलेकर भीलराज केसाथ छप्पन के जंगल में चले जाओ। मैं मां के साथ जंगल में छिपने नहींजाऊंगा O ऐसा क्यों में भी आपके साथ यहींयुच्द करूंगा Ultitin यह कैसे हो सकता है राणाजी की आज्ञा है कि तम परिवार की रक्षा के लिए छप्पन के जंगल में चले जाओ। ऐसी बात नहीं मैं अभी इस बारे में पिताजी से बात करूंगा "क्या मैं हल्दीघाटीके युद्ध में ठीक सेनहीं लड़ा था" है, अमर POEOSE

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