Book Title: Mahadani Bhamashah
Author(s): Prem Kishor Patakha
Publisher: Acharya Dharmshrut Granthmala

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Page 15
________________ तो फिर क्या बात है, में अन बालक नहीं रहा। महादानी भामाशाह ठीक है भैया, आप अमरको अपने साथ ही रखें हमारी कोई चिन्तान करें। ठीक है भाभी मैं अमर को अपने साथ रखता हूँ। السر رررللي वाहकाका, मगर एक शर्त तुम कितने अच्छे हो जो मेरी बात इतनी जल्दी मान ली। कौनसी यही कि मैं इस बार, युच्द का सैनापति हूँ और सैनापति कीआज्ञा मानना हर सैनिक का कर्तव्य होता शर्त आपकी हरबात मानने के लिए मैं तैयार ह । IMedia 13

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