Book Title: Mahadani Bhamashah
Author(s): Prem Kishor Patakha
Publisher: Acharya Dharmshrut Granthmala

View full book text
Previous | Next

Page 9
________________ आज मेवाड पर संकट के बादल है। महादानी भामाशाह राणाजी। हमारे जीते जी, शत्रु मेवाड़ कीधरती संकट के ये पर कदम नहीं रख बादल कितने सकतादिन रहेंगे। बेटे अमरको बुलाओ (Nim ACCU कहिए, पिताश्री) सैनिक शिविर में जाकर सैनापति से कहो, शीघ्र ही सबको एकत्रित करें R जैसी आपकी आज्ञा। जब में आपको चिन्ता में देखता हूँ, तो मेरा मन अत्यन्त दुखी हो जाता है। चिन्ता तो नहीं है शाह जी, मगर एक बात है। कौनसी बात है? राणा LOCTO TIGATIC UNATrir हल्दीघाटी में भले हीहमने हार नहीं मानी, मगर विजयीभी नहीं हुए। AMINO MPU CHIralia 7HUL

Loading...

Page Navigation
1 ... 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28