________________
( १५ )
चन्द्रग्रहण हो सकता है, परन्तु सूर्य और चन्द्र दोनों ही क्षितिज के ऊपर ऊंचे होते हैं तब भी चन्द्रग्रहण हुअा है। ( यदि चन्द्र और सूर्य दोनों हों तो प थ्वी उनके बीच में नहीं आ सकतो और यही कारण है कि पथ्वी की प्रतिच्छाया भी चन्द्र प. नहीं गिर सकती। पथ्वी की प्रतिच्छाया चन्द्र पर नहीं गिरती हो तब भी यदि चन्द्रप्रहण हो सकता हो, तो चन्द्रग्रहण पृथ्वी की प्रतिच्छाया के कारण नहीं अपि तु किसी अन्य कारण से होना चाहिए, इससे फलित होता है कि चन्द्र का ग्रहण करने बाली प्रतिच्छाया प थ्वी की नहीं हो सकती। अतः यह सिद्धान्त भी भ्रमपूर्ण है।
इस तरह पृथ्वी को गोल मानने से उठने वाली आपत्तियो का विचार किया गया।
अब पृथ्वी के गोल होने के सम्बन्ध में वर्तमान विज्ञान द्वारा प्रस्तुत किये जाने वाले तर्कों का विश्लेषण प्रस्तुत करते
१-समुद्र में दूर जाते हुए जहाज का नीचे वाला भाग सर्वप्रथम धीरे-धीरे दिखाई देना बन्द होता है और बाद में उसके ऊपर का भाग भो दिखाई देना बन्द हो जाता है। प्रतः इससे ज्ञात होता है । कि समुद्र के किनारे पर खड़े हुए मनुष्य और समुद्र में चलते हुए जहाज के बीच पृथ्वी का गाल आकार वाला भाग आजाता है. उसी का परिणाम है
कि जहाज का दोखना बन्द हो जाता है । Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat
www.umaragyanbhandar.com