Book Title: Kya Pruthvi ka Aakar Gol Hai
Author(s): Abhaysagar
Publisher: Jambudwip Nirman Yojna

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Page 37
________________ पृथ्वी के प्राकार प्रादि समस्त विषयों को अाधुनिक दृष्टि से समझने के लिये निम्नलिखित ग्रन्थों का अनुशीलन हितावह है१-वन हण्ड्रेट प्रूफस् देट दि अर्थ इज नॉट ए ग्लोब (ले० अमेरिका के विद्वान्-विलियम कार्पेन्टर ) २-मॉडर्न साइन्स एण्ड जैन फिलासफी ३-पी० एल० ज्योग्रोफी भा० १-२-३-४ ४-जैन दर्शन और आधुनिक विज्ञान ५-भूगोल-भ्रमरण-मीमांसा ६-विश्व रचना प्रबन्ध ७-जैन भूगोल ( महत्त्वपूर्ण प्रामाणिक ग्रन्थ ) ८-जैन खगोल ( महत्त्वपूर्ण प्रामाणिक ग्रन्थ ) ६-जैन भूगोल की विशालकाय प्रस्तावना १०-पृथ्वी स्थिर प्रकाश ११-दि इण्डोलॉजिकल मेगजीन जुलाय-अगस्त १९४६ १२-सन् डे न्यूज आफ इण्डिया २-५-१९४८ १३-अहिंसा वाणी, विशाल भारत, धर्मयुग आदि के प्रकीर्ण अंक -x-- Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

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