Book Title: Kalpasutram
Author(s): Bhadrabahuswami, Shantisagar
Publisher: Rushabhdev Kesarimal Jain Shwetambar Sanstha
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विस्तरवाचना
श्रीकल्पकोमुद्यां ८क्षणे ॥१९७॥
| ककार्कदिकविशेषणम् ॥ ६॥ थेराणं सुट्टिअसुप्पडिवद्धाणं कोडिअकागंदगाणं वग्यावच्चसगुत्ताणं अंतेवासी थेरे अज्जइंददिण्णे कोसिअगोत्ते, थेरस्स णं अज्जइंददिण्णस्स कोसिअगुत्तस्स अंतेवासी थेरे अज्जदिपणे गोअमसगुत्ते, थेरस्स णं अजदिण्णस्स गोअमसगुत्तस्स अंतेवासी थेरे अजसीहगिरी जाईसरे कोसिअगुत्ते, थेरस्स णं अज्जसीहगिरिस्स जाईसरस्स कोसिअगुत्तस्स अंतेवासी थेरे अजवइरे गोअमगुत्ते, थेरस्सणं अज्जवइरस्स गोअमसगुत्तस्स अंतेवासी थेरे अज्जवइरसेणे उक्कोसिअगुत्ते, थेरस्सणं अज्जवइरसेणस्स उकोसिअगोत्तस्स अंतेवासी चत्तारि थेरा-थेरे अज्जनाइले थेरे अज्जपोमिले थेरे अज्जजयंते धेरे अज्जतावसे, | | थेराओ अज्जनाइलाओ अज्जनाइली साहा निग्गया, थेराओ अजपोमिलाओ अजपोमिली साहा निग्गया, थेराओ अज्जजयंताओ अज्जजयंती साहा निग्गया, थेराओअज्जतावसाओ अज्जतावसी साहा निग्गया इति।
अथ विस्तरवाचनया स्थविरावलीयम्-वित्थरवायणाए पुण अज्जजसभद्दाओ थेरावली एवं पलोइज्जइ, तं०थेरस्स णं अजजसभहस्स तुंगिआयणसगुत्तस्स इमे दो थेरा अंतेवासी अहावच्चा अभिण्णाया हुत्था, तंजहा-थेरे अन्जभद्दबाह पाईणसगोत्ते, थेरे अज्जसंभूअविजए माढरसगुत्ते, थेरस्स णं अज्जभद्दबाहुस्स पाईणसगोत्तस्स इमे चत्तारि थेरा अंतेवासी अहावचा अभिण्णाया हुत्था, तं०-थेरे गोदासे थेरे अग्गिदत्ते थेरे जन्नदत्ते थेरे सोमदत्ते कासवगुत्तेणं, थेरेहितो गोदासेहिंतो कासवगुत्तेहिंतो इत्थ णं गोदासे नामं गणे निग्गए, तस्स णं इमाओ चत्तारि साहाओ एवमाहिज्जंति, तंजहा-तामलित्तिआ कोडीवरिसिआ पोंडवणिआ
SammHINAIRE AIMIGRIHIRAIMIMITE
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APRILLY
॥१९७||

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