Book Title: Kalpasutram
Author(s): Bhadrabahuswami, Shantisagar
Publisher: Rushabhdev Kesarimal Jain Shwetambar Sanstha
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इढिगणिखमासमणे कासवगुते पणिवयामि ॥१४॥ इति श्री स्थविरावलीसूत्रम् समाप्त
श्रीकल्प- कौमुद्यां ८क्षणे ॥२०८॥
श्रीफल्गुः मित्रादिपद्यानि
MIMINAUHAilliMISAllInI IANSINHAPIARRHPAND
इति श्रीमन्महोपाध्यायश्रीधर्मसागरगणिशिष्यमुख्योपाध्यायश्रीश्रुतसागरगणिशिध्योपाध्यायश्रीशान्तिसागरगणिविरचितायां कल्पकौमुद्यामष्टमः क्षणः ८॥ ___ तत्समाप्तौ च स्थविरावलीरूपं द्वितीयं वाच्यं सम्पूर्णम् ॥
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