Book Title: Jain evam Bauddh Shiksha Darshan Ek Tulnatmak Adhyayana
Author(s): Vijay Kumar
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi
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२००
जैन एवं बौद्ध शिक्षा-दर्शन : एक तुलनात्मक अध्ययन
९३. विजय
८९. वही ९०. 'विनयपिटक', पृ०-१२३ । ९०. 'महावस्तु', ३/२६८/१०-१३ ९१. 'विनयपिटक', पृ०-१२३-२४. ९२. काषायवासाः कनकावदातस्तत: स मुर्ना गुरवे प्रणेमे। ‘सौन्दरनन्द', १८/५
“विनयपिटक', पृ०-५१०-५११. ९४. 'जातक', ४/२४४. ९५. विनयपिटक', पृ०-१२९-१३०. ९६. वही, पृ०-१०६ ९७. वही, पृ०-१०६ ९८. वही, पृ०-१३२ ९९. वही, पृ०-१३४-३५ १००. वही, पृ०-१३५ १०१. वही, पृ०-१२५-१२९. १०२. जातक, १, पृ०-२५९. १०३. डॉ० मदनमोहन सिंह, ‘बुद्धकालीन समाज और धर्म', पृ०-९३. १०४. 'जातक' १, पृ० ३४१, २, पृ०-५२ १०५. 'मिलिन्दप्रश्न' (अनु०), पृ०-२०१ १०६. 'जातककालीन भारतीय संस्कृति, पृ०-१०५ १०७. 'विनयपिटक', पृ०-१०१-१०३ १०८. 'इत्सिंग रेकर्ड', पृ०-११७-१२० १०९. 'विनयपिटक', पृ०-१००. ११०. 'इत्सिंग रेकर्ड', पृ०-१८४. १११. 'करुणापुण्डरीक', ३१/१८,१९, ६०/५ ११२. 'विनयपिटक', पृ०-११९, १२०, १२३ ११३. 'मिलिन्दप्रश्न' (हिन्दी), पृ०-२०१ ११४. 'विनयपिटक', पृ०-१०९ ११५. 'प्राचीन भारत का सामाजिक इतिहास', पृ०-२३२. ११६. 'करुणापुण्डरीक', ३१/१८,१९ ११७. माणवकानांश्रय: कोटो, वही, ६२/१०. ११८. 'प्राचीन भारत का सामाजिक इतिहास', पृ०-२३२. ११९. वही, पृ०-२३३.
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