Book Title: Jain evam Bauddh Shiksha Darshan Ek Tulnatmak Adhyayana
Author(s): Vijay Kumar
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi

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Page 246
________________ 'ललितविस्तर' 'ललितविस्तर' 'विनयपिटक' 'विशेषावश्यकभाष्य' 'विश्वदर्शन की रूपरेखा' 'व्यवहारसूत्र' 'शिक्षा के दार्शनिक आधार' सन्दर्भ-ग्रन्थ सूची 'श्रीमद्भगवद्गीता' (शांकरभाष्य) Jain Education International ग्रन्थरत्न कार्यालय, गाँधी मार्ग, अहमदाबाद | 0:0 राजेन्द्र लाल मित्रा (सं०) एशियाटिक सोसायटी ऑफ बंगाल, कलकत्ता । अनु० - शान्तिभिक्षु शास्त्री, उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान, लखनऊ, १९८४ : 0: अनु०- राहुल सांस्कृत्यायन, महाबोधि सभा, सारनाथ, वाराणसी, १९३५. : सम्पा० दलसुख मालवणिया, लालभाई दलपतभाई भारतीय संस्कृति विद्यामंदिर, अहमदाबाद, १९६८ : : 'शिक्षा के दार्शनिक एवं समाज : शास्त्रीय सिद्धान्त' +6 'शिक्षा के मूल दार्शनिक आधार : एवं महान शिक्षाशास्त्री' 'शिक्षा-दर्शन' 'शिक्षासमुच्चय' 'श्रमण-सूत्र' २३३ : पं० विजयमुनि, श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ, पूना, १९७१. अमोलक ऋषि, ज्वालाप्रसाद माणिकचन्द्र जोहरी, महेन्द्रगढ़ (पटियाला) आर०आर० रस्क (अनु०) डॉ० लक्ष्मीलाल के० ओड, राजस्थान हिन्दी ग्रन्थ अकादमी, जयपुर, १९८२. नरेशचन्द्र ग्वाड़ी, बी०बी० सिंह, वसुन्धरा प्रकाशन, २३६, दाउदपुर, गोरखपुर । : रामशकल पाण्डेय, इलाहाबाद, १९८३. पी० एल० वैद्य, दरभंगा। : अमर मुनि जी महाराज, सन्मति ज्ञानपीठ, आगरा, १९६६. गुजराती प्रिंटिंग प्रेस, सासुन बिल्डिंग, एलफिन्ट्टन सर्कल, मुंबई, १९३८ रामबिहारी लाल रस्तोगी पब्लिकेशन्स, मेरठ, छठा संस्करण १९८२. For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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