Book Title: Jain evam Bauddh Shiksha Darshan Ek Tulnatmak Adhyayana
Author(s): Vijay Kumar
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi

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Page 243
________________ २३० जैन एवं बौद्ध शिक्षा-दर्शन : एक तुलनात्मक अध्ययन संगम, जयपुर, १९७२. 'दशवैकालिकसूत्र' : आत्मारामजी म०, ज्वालाप्रसाद माणिकचन्द जोहरी, महेन्द्रगढ़ (पटियाला) 'दशवैकालिकसूत्र' : युवाचार्य मधुकरमुनि, आगम प्रकाशन समिति, ब्यावर, १९८५ 'दसवेआलियं' वाचना प्रमुख- आचार्य तुलसी, सम्पा० एवं विवे० - मुनि नथमल, प्रका०- जैन विश्वभारती, लाडनूं (राजस्थान), वि०सं० २०३१. "दिव्यावदान' पी०एल० वैद्य (सं०), मिथिला विद्यापीठ, दरभंगा, १९३६. 'दीघनिकाय' (द्वितीय संस्करण) : राहुल सांकृत्यायन, जगदीश काश्यप, भारतीय बौद्ध शिक्षा परिषद,, बुद्ध विहार, लखनऊ, १९७९. 'धर्मामृत' (अनगार) सम्पा०- पं० कैलाशचन्द्र शास्त्री, प्रका० भारतीय ज्ञानपीठ प्रकाशन, १९७७. 'धर्मामृत' (सागार) : सम्पा०- पं० कैलाशचन्द्र शास्त्री, प्रका० भारतीय ज्ञानपीठ प्रकाशन, दिल्ली, १९७८. 'नन्दिसूत्र' : युवाचार्य श्री मधुकर मुनि, श्री आगम प्रकाशन समिति, ब्यावर (राजस्थान), १९८२. 'निशीथसूत्र' : अमोलक ऋषि, जैन शास्त्रोद्धार मुद्रणालय, सिकन्दराबाद। 'पइण्णयसुत्ताई' (प्रथम भाग) : सम्पा०- पुण्यविजय मुनि, प्रका०- श्री महावीर जैन विद्यालय, बम्बई, १९८४. 'परिवार' भिक्षु जगदीश कश्यप, नालन्दा-देवनागरी पालि-ग्रन्थमाला, १९५८ 'प्रश्नव्याकरणसूत्र' व्याख्याकार- श्री हेमचन्द्रजी म०, सम्पा०उपाध्याय अमरमुनिजी, प्रका०- सन्मति ज्ञानपीठ, Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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