Book Title: Jain evam Bauddh Shiksha Darshan Ek Tulnatmak Adhyayana
Author(s): Vijay Kumar
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi

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Page 226
________________ गुरु-शिष्य-सम्बन्ध एवं दण्ड-व्यवस्था २१३ सन्दर्भ m १०. 'चिन्तन की मनोभूमि', पृ०-३८०. २. 'जैन आगम साहित्य में भारतीय समाज', पृ०-२८७. 'राजप्रश्नीयसूत्र', १९०, पृ०-२३८. 'स्थानांग', ३/१/८७/३ 'भगवती आराधना' (मूल), ४७९-४८० 'जैन आगम साहित्य में भारतीय समाज', पृ०-२९१. 'उत्तराध्ययन टीका' १८, पृ०-२४३, उद्धृत वही 'सौन्दरनन्द', १८/२-२०. 'अवदान', जि० १/१०२/३, 'जातक' (अनु० हिन्दी) जि०४, पृ०-२५१. ११. महावस्तु, २/२२५/२. १२. 'जातक' (अनु० हिन्दी) जि० १, पृ० ४४७, जि० २, पृ०-७८. १३. प्राचीन भारतीय शिक्षण पद्धत्ति, पृ०-४५. १४. वही, पृ०-४४ ‘राजवच्च पितृवच्च मातृवच्चाप्रमत: परिचरेता' १५. वही, पृ०-४४-४५ १६. 'जातक' (अनु० हिन्दी) जि० २, पृ०-१९०-१९१ १७. वही वही, जि० ४, पृ०-२२५ १९. वही, जि० ४, पृ०-४०० वही, जि० १, पृ०-४१७-१८ २१. वही, जि० २, पृ०-८१-८५. २२. "प्राचीन भारतीय शिक्षण पद्धत्ति', पृ०-४७. 'जातक' (अनु० हिन्दी) जि० १, पृ०-४५९. २४. वही, जि० २, पृ०-७९. २५. 'इत्सिंग रेकर्ड', पृ०-१२० २६. जातक (अनु० हिन्दी), जि० ३, पृ०-७. २७. वही, जि० २, पृ०-४२४ २८. प्राचीन भारतीय शिक्षण पद्धत्ति', पृ०-४२ तथा 'जातक' (अनु० हिन्दी) जि० ४, " पृ०-१४१. २९. 'जातक' (अनु० हिन्दी) जि० ४, पृ०-१४५-४६ ३०. वही, जि० ३, पृ०-३३३. ३१. 'भारत का सामाजिक और आर्थिक इतिहास', पृ०-१६६ तथा 'जातक' (अनु० हिन्दी), जि० ३, पृ०-१९९. २३. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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