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जैनविद्या एवं प्राकृत : अन्तरशास्त्रीय अध्ययन
३७. कविवर नेमिचन्द-व्यक्तित्व एवं कृतित्व ३८. जोधराज गोदिका--व्यक्तित्व एवं कृतित्व ३९. जैन कवियों के पदों का सांस्कृतिक अध्ययन ४०. छप्पय छन्द के विकास में जैन कवियों का योगदान ४१. चूनडी साहित्य के विकास में जैन कवियों का योगदान ४२. पंडित जयचन्द छाबड़ा-व्यक्तित्व एवं कृतित्व ४३. पंडित सदासुख कासलीवाल- व्यक्तित्व एवं कृतित्व ४४ पारसदास निगोत्या--व्यक्तित्व एवं कृतित्व ४५. बख्तराम साह के काव्यों का अध्ययन ४६. भक्ति एवं दर्शन प्रधान जैन पूजा साहित्य ४७. पं० दौलतराम--व्यक्तित्व एवं कृतित्व . ४८. महाकवि टोडरमल एवं उनके समकालीन कवि ४९. कविवर बख्तावर लाल एवं उनका हिन्दी साहित्य ५०. पाण्डे जिनदास--व्यक्तित्व एवं कृतित्व
उक्त शीर्षकों के अतिरिक्त अभी इतने ही शोध के लिए और विषय गिनाये जा सकते हैं।
परिसंवाद-४
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