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जैनविद्या एवं प्राकृत : अन्तरशास्त्रीय अध्ययन
डा० पुरुषोतम पाठक अध्यक्ष, भारतीय संस्कृति एवं संस्कृत प्रमाणपत्रीय विभाग, सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी, उत्तर प्रदेश
पं० दलसुख मालवणिया एल० डी० इन्स्टीटयूट आव इण्डोलाजी अहमदाबाद, गुजरात डॉ. दामोदर शास्त्री लालबहादुर शास्त्री संस्कृत विद्यापीठ, नई दिल्ली डॉ० दीनबन्धु पाण्डेय प्राचार्य, डिग्री कालेज, बलिया, उत्तर प्रदेश डॉ. देवेन्द्रकुमार जैन हिन्दी विभाग, इन्दौर विश्वविद्यालय इन्दौर, मध्य प्रदेश डॉ० दे० स० त्रिवेद प्राकृत विद्यापीठ, वैशाली, बिहार डॉ. देवी प्रसाद मिश्र २० डी, बेली रोड, इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश डा० नन्दलाल जैन शासकीय महाविद्यालय, रीवा, मध्य प्रदेश डा० नथमल टाटिया जैन विश्वभारती, लाडनू, राजस्थान डा० एन० एच० साम्तानी बुद्ध कुटीर, सारनाथ, वाराणसी डा० नरेन्द्रकुमार जैन संस्कृत विभाग, शासकीय महाविद्यालय जखनी, उत्तर प्रदेश डा० नागेन्द्र प्रसाद प्राकृत विद्यापीठ, वैशाली, बिहार डा० नेमीचन्द्र जैन ६५, पत्रकार कालोनी, कनाड़िया मार्ग, इन्दौर, मध्य प्रदेश
डा० प्रेमसुमन जैन अध्यक्ष, जैन विद्या एवं प्राकृत विभाग सुखाड़िया विश्वविद्यालय, उदयपुर, राजस्थान डा० फूलचन्द्र जैन 'प्रेमी' अध्यक्ष, जैनदर्शन विभाग, सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी, उ० प्र० पं० फूलचन्द्र शास्त्री श्री गणेश वर्णी शोध संस्थान, सन्मति जैन निकेतन, वाराणसी, उत्तर प्रदेश आचार्य बदरीनाथ शुक्ल कुलपति, सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी, उत्तर प्रदेश ( स्व० ) डा० बुद्धिबल्लभ पाठक अध्यक्ष, भारतीय संस्कृति एवं संस्कृत प्र० ५० विभाग, सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी, उत्तर प्रदेश ( अव० प्राप्त ) डा० ब्रह्मदेव नारायण शर्मा पाली एवं थेरवाद विभाग, सम्पूर्णानन्द संस्कत विश्वविद्यालय, वाराणसी, उत्तर प्रदेश
डा० बी० के० खडबडी जैन विद्या विभाग, करनाटक विश्वविद्यालय धारवाड़, करनाटक ( अव० प्राप्त)
डा० भागचन्द्र जैन अध्यक्ष, पाली एवं प्राकत विभाग, नागपुर विश्वविद्यालय, नागपुर, महाराष्ट्र
परिसंवाद-४
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