Book Title: Jain Vidya evam Prakrit
Author(s): Gokulchandra Jain
Publisher: Sampurnanand Sanskrut Vishvavidyalaya Varanasi

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Page 353
________________ जैन विद्या एवं प्राकृत : अन्तरशास्त्रीय अध्ययन डा० विद्याधर जोहरापुरकर डा० सत्यस्वरूप मिश्र महाकौशल महाविद्यालय, जबलपुर, म० प्र० अध्यक्ष, भाषा विज्ञान विभाग काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, प्रो० विलास ए० संघवे वाराणसी, उत्तर प्रदेश अध्यक्ष, समाज शास्त्र विभाग शिवाजी विश्वविद्यालय प्रो० समदोन् रिम्पोछे कोल्हापुर, महाराष्ट्र ( अव० प्राप्त ) केन्द्रीय तिब्बती उच्च शिक्षा संस्थान सारनाथ, वाराणसी डा० वीरेन्द्रकुमार जैन डा० एस० आर० बनर्जी महाराजा कालेज, छतरपुर, मध्य प्रदेश प्राकृत विभाग, कलकत्ता विश्वविद्यालय डा० शशिकान्त जैन कलकत्ता, पश्चिम बंगाल ज्योति निकुञ्ज, चारबाग, लखनऊ, उ० प्र० डा० एस० एम० शाह डा० शारदा चतुर्वेदी संस्कृत उच्चानुशीलन केन्द्र भाषा विज्ञान विभाग पूना विश्वविद्यालय, पूना, महाराष्ट्र सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय, डा० ( श्रीमती ) सुनीता जैन वाराणसी, उत्तर प्रदेश जैन बाला विश्राम, आरा, बिहार डा० शुभचन्द्र डा० सुरेन्द्र गोपाल जनविद्या एवं प्राकृत विभाग अध्यक्ष, इतिहास विभाग मैसूर विश्वविद्यालय, मैसूर, करनाटक पटना विश्वविद्यालय, पटना, बिहार डा० शीतलचन्द्र जैन डा० (श्रीमती) हरिप्रिया मिश्रा प्राचार्य, आचार्य संस्कृत कालेज, भाषा विज्ञान विभाग जयपुर, राजस्थान सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय, डा० सनतकुमार जैन वाराणसी, उत्तर प्रदेश प्राध्यापक, आचार्य संस्कृत कालेज, डा० हरिहर सिंह जयपुर, राजस्थान काशी हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी, उ०प्र० परिसंवाद-४ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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