Book Title: Jain Tattvavidya
Author(s): Tulsi Acharya
Publisher: Adarsh Sahitya Sangh

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Page 185
________________ प्रथम वर्ग / १८३ कालू तत्त्वशतक प्रथम वर्ग १. राशि के दो प्रकार हैं१. जीव राशि २. अजीव राशि २. जीव के दो प्रकार हैं१. सिद्ध २. संसारी ३. संसारी जीव के दो-दो प्रकार हैं १. व्यवहार राशि २. अव्यवहार राशि १. भव्य २. अभव्य १. त्रस २. स्थावर १. सूक्ष्म २. बादर १. पर्याप्त २. अपर्याप्त ४. जीव के तीन-तीन प्रकार हैं २. पुरुष ३. नपुंसक १. असंयमी २. संयमासंयमी ३. संयमी १. संज्ञी २. असंज्ञी ३. नोसंज्ञी-नोअसंज्ञी ५. जीव के चार प्रकार हैं१. नारक ३. मनुष्य २. तिर्यंच ४. देव ६. जीव के पांच प्रकार हैं १. एकेन्द्रिय ४. चतुरिन्द्रिय २. द्वीन्द्रिय ५. पंचेन्द्रिय ३. त्रीन्द्रिय ७. जीव के छह प्रकार हैं १. पृथ्वीकायिक ४. वायुकायिक २. अप्कायिक ५. वनस्पतिकायिक ३. तेजस्कायिक ६. त्रसकायिक १. स्त्री Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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