Book Title: Jain Tattvavidya
Author(s): Tulsi Acharya
Publisher: Adarsh Sahitya Sangh

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Page 201
________________ तृतीय वर्ग/ १९९ अगार धर्म (श्रावक धर्म) के बारह प्रकार हैंपांच अणुव्रत१. अहिंसा अणुव्रत ४. ब्रह्मचर्य अणुव्रत २. सत्य अणुव्रत ५. अपरिग्रह अणुव्रत ३. अचौर्य अणुव्रत सात शिक्षाव्रत१. दिग्परिमाण व्रत ५. देशावकाशिक व्रत २. भोगोपभोगपरिमाण व्रत ६. पौषधोपवास व्रत ३. अनर्थदण्डविरमण व्रत ७. यथासंविभाग व्रत ४. सामायिक व्रत २५. श्रमण धर्म के दस प्रकार हैं१. क्षांति ६.सत्य २. मुक्ति ७.संयम ३. आर्जव ८. तप ४. मार्दव ९. त्याग (निरवद्य दान) ५. लाघव १०. ब्रह्मचर्य Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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