Book Title: Jain Tattva Mimansa
Author(s): Fulchandra Jain Shastri
Publisher: Ashok Prakashan Mandir

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Page 428
________________ केवलज्ञानस्वभावमीमांसा जाते हैं। जो जो अनुमानके विषय होते हैं वे सब किसीके प्रत्यक्ष ज्ञानके विषय भी होते है । जैसे किसी प्रदेश विशेषमें अनुमान प्रमाणसे अग्निका सद्भाव जान कर उसे प्रत्यक्षसे उपलब्ध कर लिया जाता है। उसी प्रकार । वे सूक्ष्म मादि पदार्थ अनुमानके विषय होनेसे किसीके प्रत्यक्षके विषय हैं यह निश्चित होता है। इससे हम जानते हैं कि जो इन अतीन्द्रिय पदार्थोंको साक्षात् जानता है वही सर्वज्ञ है और वही सातिशय केवलज्ञानविभूतिसे सम्पन्न है, क्योंकि इन दोनोंमें समव्याप्त है। ____ बात यह है कि इन्द्रियाँ स्वयं जड़ हैं। वे जानती नहीं, जानता तो स्वयं ज्ञान है। इसलिये जिन पुरुषोंने आत्मपुरुषार्थको जागृत कर सब प्रकारके बाह्याभ्यान्तर प्रतिबन्धोंके अभावपूर्वक इन्द्रियोंको निमित्त किये बिना अतीन्द्रियज्ञान प्राप्त कर लिया है वे सूक्ष्मादि पदार्थोंको इन्द्रियों-' को माध्यम किये बिना साक्षात् जानने लगते हैं यह उक्त कथनका तात्पर्य है। शका-जब कि आत्मा ज्ञानस्वभाव है और इन्द्रियां आत्माका स्वभाव नहीं है। ऐसी अवस्थामें आत्मा स्वरूपसे ही सर्वज्ञस्वभाव है, फिर यहाँ उसे सिद्ध करनेसे क्या प्रयोजन है ? समाधान-जो दर्शन आत्मासे ज्ञानकी उत्पत्ति न मान कर परसे ज्ञानकी उत्पत्ति मानते हैं उन्हे लक्ष्यकर यह वचन कहा गया है। उन दर्शनोंका नेता मीमांसक है। उसने धार्मिक जगतमें वेदोंकी प्रतिष्ठा करनेके अभिप्रायसे अपने दर्शनको यह रूप दिया है। किन्तु उसका यह कथन अन्योन्याश्रित है, क्योंकि जिस तर्कसे वह ज्ञातको पराश्रित सिद्ध करता है उस तक के पराश्रित सिद्ध होने पर ज्ञानको पराश्रितता सिद्ध होवे और ज्ञानके पराश्रित सिद्ध होने पर ज्ञानको पराश्रित सिद्ध करने वाले तकको पराश्रिणता सिद्ध होवे। और ज्ञानको पराश्रित सिद्ध करनेवाले उस तर्कको यदि स्वाधित स्वीकार किया जाता है तो ज्ञानको ही स्वाश्रित मान लेनेमे क्या आपत्ति है। इस प्रकार जीवस्वभावको ध्यानमें रख कर विचार करने पर यही निश्चित होता है कि प्रत्येक आत्मा स्वरूपसे सर्वशस्वभाव है। संसार अवस्थामें जो पराश्रितपना दृष्टिगोचर होता है वह वस्तु स्वरूपको जान कर तदनुरूप श्रद्धा, ज्ञान और स्थिति न करनेका ही फल है। ५. वर्पण और शानस्वभाव ज्ञानका स्वभाव दर्पणके समान है। जैसे स्वच्छ दर्पणके सामने आये

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