Book Title: Jain Purano ka Sanskrutik Aavdan Author(s): Pravinchandra Jain, Darbarilal Kothiya, Kasturchand Suman Publisher: Jain Vidyasansthan Rajasthan View full book textPage 4
________________ प्रास्ताविक 'जैन पुराणों का सांस्कृतिक अवदान' पाठकों के समक्ष प्रस्तुत करते हुए हमें हर्ष का अनुभव हो रहा है । जैन पुराणों में प्रेसठ शलाका पुरुषों का जोवन-चरित चर्चित है । महापुराण में इन सभी श्रेसठ पुरुषों का वर्णन है। पद्मपुराण में बलभद्र पद्म (राम) और नारायण लक्ष्मण तथा प्रतिनारायण रावण का जीवन-चरित दर्शाया गया है । हरिवंशपुराण में नारायण कृष्ण तथा प्रतिनारायण जरासन्ध का जीवनवृत्त निबद्ध है। पाण्डवपुराण में प्राचीन दो प्रमुख राजवंशों के मध्य नारायण कृष्ण की भूमिका और वीरवर्द्धमानचरित में तीर्थंकर महावीर की जीवनी है । इन शलाका पुरुषों के माध्यम से सांस्कृतिक मूल्यों को जैन पुराणों में अभिव्यक्ति की गई है। प्रस्तुत पुस्तक में १. दार्शनिक एवं धार्मिक सामग्री, २. भौगोलिक सामग्री एवं ३. ऐतिहासिक सामग्री का संकलन किया गया है। इस प्रकार से यह पुस्तक जैन पुराणों को सांस्कृतिक सामग्री को समझने में सहायक सिद्ध होगी। इससे शोधकर्ताओं को समस्त सामग्रो एक स्थान पर उपलब्ध हो सकेगी। प्रो० प्रवीणचन्द्रजो जैन एवं डॉ० दरबारीलालजी कोठिया ने अथक परिश्रम कर इसका सम्पादन किया है, उनके हम आभारी हैं । जैनविद्या संस्थान में कार्यरत विद्वान् डॉ० कस्तूरचन्द 'सुमन' का सहयोग अत्यन्त प्रशंसनीय रहा । जनविद्या संस्थान के पूर्व संयोजक डॉ. गोपीचन्दजी पाटनी एवं श्री ज्ञानचन्द्रजी खिन्दूका तथा वर्तमान संयोजक डॉ. कमलचन्दजी सोगाणी ने इस योजना को साकार करने में सदैव उत्साह दिखाया है अतः हम उनके आभारी है। कपूरचन्द पाटनी मंत्री प्रबन्धकारिणी कमेटी दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र श्रीमहावीरजी नरेशकुमार सेठी अध्यक्ष प्रबन्धकारिणी कमेटी दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र श्रीमहावीरजी Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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