Book Title: Jain Padarth Vigyan me Pudgal
Author(s): Mohanlal Banthia
Publisher: Jain Shwetambar Terapanthi Mahasabha

View full book text
Previous | Next

Page 69
________________ चतुर्थ अध्याय परमाणु-पुद्गल परमाणु - परम श्रणु अर्थात् सब से छोटा अणु । जिसका विभाग नही हो सके वा जिससे छोटा और कोई नही हो वही परमाणु कहलाता है । परमाणु चार तरह का कहा गया है' । क्षेत्र (१) द्रव्य - परमाणु - "पुद्गल परमाणु" । ( २ ) परमाणु - "श्राकाश-प्रदेश ।" काल-परमाणु - "समय" । (४) भाव-परमाणु - "गुण" । (३) भाव परमाणु चार तरह का कहा गया है वर्णगुण, गन्ध गुण, रसगुण और स्पर्शगुण । इसके उपभेद १६ हैं" (१) एक गुण काला, (२) एक गुण नोला, (३) एक गुण लाल, (४) एक गुण पीला, (५) एक गुण सफेद, (६) एक गुण सुगन्ध, (७) एक गुण दुर्गन्ध, (५) एक गुण खट्टा, (६) एक गुण मीठा, (१०) एक गुण कडवा, (११) एक १ - चउविहे परमाणु पण्णत्ते-तजहा- दव्व परमाणु, खेत्त परमाणू, काल परमाणू, भाव परमाणू । -भगवतीसूत्र २०५. १२ २- भगवतीसूत्र २० ५. ३- भगवतीसूत्र २० ५ १६ १

Loading...

Page Navigation
1 ... 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99