Book Title: Jain Lakshanavali Part 1
Author(s): Balchandra Shastri
Publisher: Veer Seva Mandir Trust
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ग्रन्थानुक्रमणिका
संख्या
संकेत
ग्रन्थ नाम
ग्रन्थकार
प्रकाशक
प्रकाशन काल
।
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गो. जी. गोम्मटसार जीवकांड प्रा. नेमिचन्द्र सि. च. भा. जैनसिद्धान्त प्रकाशिनी
संस्था, कलकत्ता ८५ | गो. जी. मं. गो. मन्दप्रबोधिनी टीका | अभयचन्द्राचार्य - प्र. टी. (ज्ञानमार्गणा पर्यन्त)
गो. जी. जी. गो. जीवतत्त्वप्रकाशिनी | केशवर्णी[भ. नेमिचंद्र] | प्र.टी. टीका ८८ | गो. क. गोम्मटसार कर्मकांड प्रा. नेमिचन्द्र सि. च.
।
। ।
८९ गो. क. जी. गो. जीवतत्त्वप्रकाशिनी केशववर्णी[भ. नेमिचंद्र]
| प्र. टी. | टीका | चन्द्र. च. चन्द्रप्रभचरित्र
प्रा. वीरनन्दी निर्णय सागर प्रेस, बंबई ई. १९१२ | चा. सा. पृ. | चारित्रसार
चामुण्डराय मा. दि. जैन ग्रन्थमाला, बंबई वि.सं. १६७४ | जम्बूद्वी. जम्बूद्वीपप्रज्ञप्तिसूत्र
जैन पुस्तकोद्धारफंड, बम्बई | ई. १९२० जम्बूद्वी. शा. जम्बूद्वीप वृत्ति शान्तिचन्द्र | जम्बू. चं. जम्बूस्वामिचरित पं. राजमल्ल मा. दि. जैन ग्रन्थमाला | वि. सं. १९६३
समिति, बम्बई ५ | जं. दी. प. जंबदीव-पण्णत्ति-संगहो पा. पद्यनन्दि जैन संस्कृति संरक्षक संघ,
" २०१४
सोलापुर जीतक. जीतकल्प सूत्र जिनभद्रगणि-क्षमाश्रमण जैन साहित्य संशोधक समिति ई. १९३६
अहमदाबाद जीतक. चू. | जीतकल्पसूत्र चूर्णि
सिद्धसेन सूरि जीतक. वि. जीतकल्प-विषमपदव्याख्या | श्रीचन्द्र सूरि
व्या. जीव. च. जीवन्धरचम्पू
कवि हरिचन्द्र | टी. एस. कुप्पूस्वामी, तंजोर | ई. १६०५ | जीवस. जीवसमास (मूल)
ऋषभदेव केशरीमल श्वेता. | ई. १९२८
संस्था, रतलाम १०१ | जीवाजी. जीवाजीवाभिगम
जैन पुस्तकोद्धारफंड, बम्बई १९१६
व्या
प्रा. मलयगिरि
जीवाजी. जीवाजीवाभिगम वत्ति मलय. वृ. जैनत. जनतर्कपरिभाषा
प्रा. यशोविजय
वि.सं. १९६५
जैनधर्म प्रसारक सभा,
भावनगर मा. दि.जैन ग्रन्थमाला, बम्बई
ज्ञा. सा.
ज्ञानसार
पद्मसिंह मुनि
| "
१९७५
ज्ञानसार सूत्र
उ. यशोविजय
प्रात्मानन्द सभा, भावनगर | वि. सं. १६७१
१०६ | ज्ञा. सा. टी. ज्ञानसार टीका
देवभद्र मुनीश शुभचन्द्र प्राचार्य
१०७ ज्ञाना.
ज्ञानार्णव
परमश्रुत प्रभावक मंडल, बंबई ई. १९२७
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