Book Title: Jain Lakshanavali Part 1
Author(s): Balchandra Shastri
Publisher: Veer Seva Mandir Trust

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Page 428
________________ ग्रन्थानुक्रमणिका संख्या संकेत ग्रन्थ नाम ग्रन्थकार प्रकाशक प्रकाशन काल त्रि. प. श. च. पर्व १० (महावीर आदि | हेमचन्द्राचार्य जैनधर्म प्रसारक सभा | वि. सं. १९६५ का चरित्र) (भावनगर) परिशिष्ट पर्व (स्थविरा वि. सं. १९६८ वली चरित्र) दशवै. सू. | दशवकालिक सूत्र | शय्यम्भव सूरि जैन पुस्तकोद्धार फंड, बम्बई | ई. १९१८ । दशव. नि. | दशवकालिक नियुक्ति भद्रबाहु दशव. नि. | दशवकालिक वृत्ति हरिभद्र हरि. वृ. दशव. चू. | दशवकालिक चूणि जिनदास गणि महत्तर ऋषभदेव केशरीमल श्वेता. | ई. १९३३ संस्था रतलाम द्रव्यसं. द्रव्यसंग्रह नेमिचन्द्र सैद्धान्तिक देव जैन हितैषी युस्तकालय बंबई | ई. १६०० १३. १३१ | द्रव्यानु. त. | द्रव्यानुयोगतर्कणा भोजकवि परमश्र तप्रभावक मंडल बंबई | वी. नि. २४३२ १३२ | द्वात्रिं. द्वात्रिंशतिका (तत्त्वानूशा-अमितगतिसरि नादिसंग्रह में) १३३ | द्वादशानु. द्वादशानुप्रेक्षा कुन्दकुन्दाचार्य | मा. दि.जैनग्रन्थमाला समिति वि.सं. १९७५ बम्बई वि. सं. १९७७ धम्मर, धर्म. धम्मरसायण पद्मनन्दी मुनि वि. सं. १९७६ १३५ धर्मप. धर्मपरीक्षा अमितगत्याचार्य जैन हितैषी पुस्तकालय बंबई । ई. १९०१ . घ. बि. धर्मबिन्दुप्रकरण हरिभद्र सूरि प्रागमोदय समिति, बम्बई | ई. १६२४ घ. बि. मु. वृ. | धर्मबिन्दु मुनिचन्द्र वृत्ति | मुनिचन्द्र सरि धर्मश. | धर्मशर्माभ्युदय कवि हरिचन्द्र | निर्णयसागर प्रेस, बम्बई ई. १८६६ १३६ धर्मसं. | धर्मसंग्रह (दो भागों में) | उपाध्याय मानविजय | जैन पुस्तकोद्धार संस्था, दंबई| ई. १९१५-१८ " स्वो. वृ. धर्मसंग्रह टीका स्वोपज्ञ (मानविजय) धर्मसं. धर्मसंग्रहणी हरिभद्र सूरि | ई. १९१६ १४२ , मलय. व धर्मसंग्रहणी वृत्ति मलयगिरि पं. मेधावी धर्मसं. श्रा. | धर्मसंग्रह श्रावकाचार ध्यानश. ध्यानशतक १४४ | बा. सूरजभान वकील, देवनन्द वी. २४३६ . प्राव. हरि. वृत्ति में (पृ.५८२ से ६११ पर) प्रागमोदय समिति, बम्बई | ई. १६१७ देववाचक गणी नन्दी. सू., नन्दी सूत्र नन्दी गा. १४६ नन्दी. मलय. नन्दीसत्र वृत्ति प्रा. मलयगिरि Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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