Book Title: Jain Lakshanavali Part 1
Author(s): Balchandra Shastri
Publisher: Veer Seva Mandir Trust
View full book text
________________
१०
संख्या संकेत
१६४ पाक्षिकसू.
१६५
वृ.
१६६ पिडनि.
१६७
२००
२०१
२०२
२०३
पिडनि.
मलय. वृ. १६८ पु. सि.
पुरुषार्थ सिद्धयुपाय
१६ पू. उपासका पूज्यपाद उपाकाचार
२०४
"
प्रज्ञाप.
मलय. वृ. प्रत्या. स्व.
प्र. न. त.
२०६ प्रमाल.
२१० प्र. क. मा.
२१४
पूज्यपाद
सं. प्रकृति प्रकृतिविच्छेद प्रकरण (सं.) जयतिलक वि. जयति.
प्रज्ञाप.
श्यामाचार्य
मलयगिरि
यशोदेव प्राचार्य
प्रमाणनयतत्त्वालोकालंकार वादिदेवसूरि
वादिराजसूरि
विद्यानन्द स्वामी
२११ प्र. र. मा.
२०५ | प्रमाणनि.
प्रमाणनिर्णय
२०६ प्रमाणप. पू. प्रमाणपरीक्षा
२०७ प्रमाणमी.,
प्रमाणमीमांसा
प्र. मी. २०८ प्रमाणसं.
( स्वोपज्ञ वृत्ति सहित ) प्रमाणसंग्रह
२१२ प्रव. सा.
२१३
ग्रन्थ नाम
प्रव. सा.
पाक्षिकसूत्र
पाक्षिकसूत्र वृत्ति
पिण्डनियुक्ति
पिडनियुक्तिवृत्ति
असृत. वृ.
प्रव. सा.
Jain Education International
प्रज्ञापना
प्रज्ञापना वृत्ति
प्रत्याख्यानस्वरूप
प्रवचनसार वृत्ति
प्रवचनसार वृत्ति
जय. वृ.
२१५
प्रव. सारो. प्रवचनसारोद्वार
२१६ प्र. सारो वृ. प्रवचनसारोद्वार वृत्ति
प्रमालक्ष्म
प्रमेय कमलमार्तण्ड
प्रमेय रत्नमाला
प्रवचनसार
जैन - लक्षणावली
ग्रन्थकार
यशोदेव
भद्रबाहु
मलयगिरि
श्रमृतचन्द्राचार्य
श्री हेमचन्द्राचार्य
अकलंक देव
श्री प्रभाचन्द्राचार्य
अनन्तवीर्य प्राचार्य
श्री कुंदकुंदाचार्य
अमृतचन्द्र
जयसेन
नेमिचन्द्रसूरि
सिद्धसेन सुरि
प्रकाशक
जैन पुस्तकोद्धार संस्था, सूरत ई. १६११
"2
"
2)
परमश्रुत प्रभावकमण्डल,
बम्बई कल्लप्पा भरमप्पा निटवे नादणीकर कोल्हापुर
For Private & Personal Use Only
"
जैन सिद्धान्त प्रकाशिनी संस्था, काशी सिंधी ग्रंथमाला, कलकत्ता
प्रकाशन काल
ग्रामोदय समिति, मेहसाना ई. १६१८
परमश्रु प्रभावक मण्डल,
बबई
31
"
ई. १६१८
ऋषभदेव केशरीमलजी श्वे.
ई. १९२७
ई. १६०४
सस्था, रतलाम यशो. श्वे. जैन पाठशाला, काशी मा. दि. जैन ग्रंथमाला, बम्बई | वि. सं. १६७४
ई. १९१४
ई. १६३६
जीवनचन्द साकरचन्द जव्हेरी, बंबई
"
वी. नि. २४३१
ई. १६०४
"
मनसुखभाई, भगुभाई, ग्रहमदाबाद
निर्णयसागर मुद्रणालय, बंबई | ई. १९४१
बालचन्द्र शास्त्री, बनारस
ई. १६२८
वि. सं. १६६६
"
ई. १६२ :
35
www.jainelibrary.org

Page Navigation
1 ... 429 430 431 432 433 434 435 436 437 438 439 440 441 442 443 444 445 446